चंद्रयान-2 कल होगा लॉन्च, तैयारियां पूरी, दो माह बाद उतरेगा दक्षिणी ध्रुव पर, जानें इस मिशन का उद्देश्य

मिशन चंद्रयान की तैयारी पूरी l चांद की सतह पर उतारने का लक्ष्य, 2008 में चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया था मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है, वजन 3877 किलोग्राम है नयी दिल्ली : भारत अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार तड़के 2:51 बजे पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च करेगा. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 14, 2019 7:19 AM

मिशन चंद्रयान की तैयारी पूरी l चांद की सतह पर उतारने का लक्ष्य, 2008 में चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया था

मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है, वजन 3877 किलोग्राम है

नयी दिल्ली : भारत अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार तड़के 2:51 बजे पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च करेगा. इसे भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया जायेगा. इसरो प्रमुख डॉक्टर के सिवन ने शनिवार को बताया कि सफल लॉन्चिंग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के उतरने में करीब दो महीने का वक्त लगेगा. मिशन सफल रहा, तो चंद्रयान-2 के छह या सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है. इस मिशन के तहत इसरो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को उतारेगा. मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज, मौमस, खनिज और मिट्टी का अध्ययन करना है.

सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन पर कुल 978 करोड़ रुपये की लागत आयी है. इसका कुल वजन 3,877 किलो है. उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन की खास बात यह है कि इस बार यह चांद की सतह पर उतरेगा. चंद्रयान-2 मिशन के तहत चांद की सतह पर एक रोवर को उतारा जायेगा, जो अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगा. रोवर चांद की मिट्टी का विश्लेषण करेगा और उसमें मिनरल्स के साथ-साथ हिलियम-3 गैस की संभावना तलाशेगा, जो भविष्य में ऊर्जा का संभावित स्रोत हो सकता है. 2008 में लॉन्च हुआ चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया था, लेकिन वह चंद्रमा पर उतरा नहीं था. चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी की खोज की थी, जो उपलब्धि थी.

रॉकेट में तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) होंगे

मिशन के उद्देश्य

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पानी की खोज करना

मौसम, खनिज, रासायनिक तत्वों और मिट्टी का अध्ययन

हिलियम-3 गैस की संभावना तलाशेगा, जो ऊर्जा का स्रोत हो सकता है

रॉकेट

ऊंचाई – 43 गुणा 43 मीटर

वजन – 640 टन

काम – 4000 किलो तक पेलोड ले जाने में सक्षम

ऑर्बिटर

लंबाई – 2.5 मीटर

वजन – 3500 किलो

काम – यह चांद की सतह पर उसकी परिक्रमा करेगा.

रोवर (प्रज्ञान)

लंबाई – 01 मीटर वजन – 27 किलो

काम – यह चांद की सतह पर घूम कर मिट्टी और चट्टानों के नमूने लेगा. यह एक सेमी/सेकंड की रफ्तार से चलेगा.

कुल 14 पेलोड

चंद्रयान-2 पर 14 पेलोड. इनमें 13 भारतीय और एक नासा का पेलोड है.

लैंडर (विक्रम)

लंबाई – 3.5 मीटर

वजन – 1400 किलो

काम – चंद्रमा पर उतरकर रोवर को रिलीज करना होगा. यह अपने साथ तीन पेलोड लेकर जायेगा.

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