हलवा रस्म के साथ बजट के काम की हुई शुरुआत, 5 जुलाई को होगा बजट पेश
नयी दिल्ली : हलवा रस्म के साथ बजट 2019- 20 के दस्तावेजों की छपाई शुरू हो गयी. वित्तमंत्रालय कई सालों से इस रस्म के बाद बजट के काम की शुरुआत करता है. एक कढाई में हलवा बनाया जाता है और मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है. परंपरा के अनुसार हलवा बनाने […]
नयी दिल्ली : हलवा रस्म के साथ बजट 2019- 20 के दस्तावेजों की छपाई शुरू हो गयी. वित्तमंत्रालय कई सालों से इस रस्म के बाद बजट के काम की शुरुआत करता है. एक कढाई में हलवा बनाया जाता है और मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है. परंपरा के अनुसार हलवा बनाने वाली कढ़ाई में वित्त मंत्री से घी डलवाया जाता है. वित्त मंत्री द्वारा कढ़ाई में हलवा बनाने की शुरुआत की जाती है. परंपरा के मुताबिक वित्त मंत्री के द्वारा मौजूद कर्मचारियों को हलवा परोसा जाता है.
हलवा रस्म के बाद बजट को तैयार करने वाले कर्मचारियों को मंत्रालय में ही रहना पड़ता है. संसद में बजट पेश होने तक बजट से जुड़े सभी कर्मचारी परिवार से दूर रहते हैं. इस दौरान कर्मचारियों को ईमेल, मोबाइल या अन्य किसी भी संचार माध्यमों से परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती है. मंत्रालय के सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति रहती है.
Delhi: More visuals from 'Halwa Ceremony' being held at Finance Ministry to mark the beginning of printing of documents relating to Union Budget 2019-20. pic.twitter.com/CnoRVB7XNC
— ANI (@ANI) June 22, 2019
5 जुलाई को देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट है आम लोगों की उम्मीदें हैं. बजट में वित्त मंत्रालय द्वारा उन क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकता है, जिनसे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को रफ्तार दिलाने में मदद मिले.
क्या है हलवा सेरेमनी
वित्त मंत्री बजट पेश करते वक्त जिन दस्तावेजों को पढ़ते हैं उसकी दो भाषा में छपाई की जाती है. हिंदी और अंग्रेजी. इस छपाई प्रक्रिया से पहले एक रस्म अदायगी की जाती है जिसे हलवा रस्म कहते हैं . एक बड़ी सी कढ़ाही में हलवा तैयार किया जाता है. मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है.
हलवा रस्म या हलवा सेरेमनी के बाद बजट बनाने और उसकी छपाई से सीधे जुड़े अधिकारियों और सहयोगी कर्मचारियों को मंत्रालय में ही रहना पड़ता है. वहीं जब तक वित्त मंत्री संसद में बजट पेश नहीं कर देते, तब तक मंत्रालय का पूरा स्टाफ अपने परिवार से कटा रहता है. इतना ही नहीं इन कर्मचारियों को ईमेल, मोबाइल समेत किसी भी संचार साधनों से घरवालों से संपर्क करने की अनुमति भी नहीं होती है. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के केवल सीनियर ऑफिसर्स को ही घर जाने की अनुमति होती है.
