सपा- बसपा गठबंधन टूटने के संकेत, बोली मायावती नहीं मिला फायदा
नयी दिल्ली : बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने लोकसभा में मिली हार के बाद पार्टी समीक्षा बैठक में महा गठबंधन टूटने के संकेत दिये. सूत्रों की मानें, तो इस बैठक में मायावती ने महागठबंधन पर खुलकर अपनी बात रखी. बैठक में मायावती ने कहा, हमें गठबंधन का लाभ नहीं मिला. यादव परिवार के […]
नयी दिल्ली : बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने लोकसभा में मिली हार के बाद पार्टी समीक्षा बैठक में महा गठबंधन टूटने के संकेत दिये. सूत्रों की मानें, तो इस बैठक में मायावती ने महागठबंधन पर खुलकर अपनी बात रखी. बैठक में मायावती ने कहा, हमें गठबंधन का लाभ नहीं मिला. यादव परिवार के लोग हार गये. अगर यादव वोट मिलता तो इनकी हार नहीं होती.मायावती इस बात से खुश हैं कि मुसलमानों ने उनका साथ दिया. बैठक में शामिल सूत्रों की मानें, तो मायावती ने जिस तरह से अपनी बात रखी है वह संकेत है कि सपा- बसपा का महागठबंधन टूट सकता है.
हार के बाद पार्टियां लगातार समीक्षा कर रही है कि उनकी हार का मुख्य कारण क्या रहा. मायावती ने इस बैठक में कहा कि जिस उम्मीद से यह गठबंधन किया गया था कि यादव वोट बैंक का बिखराव नहीं होगा, मुसलमान और यादव वोट एक साथ आयेंगे तो पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीट मिलेगी वैसा नहीं हुआ. सूत्रों की माने तो मायावती ने कहा, यादव वोट का बिखराव हुआ जबकि मुसलमान हमारे साथ रहा. अगर यादव वोटबैंक एकजुट होता तो परिणाम कुछ और होता.
बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव परिणाम की पिछले तीन दिनों से राज्यवार समीक्षा कर रही हैं. लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिल सके 16वीं लोकसभा के चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही बसपा को हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश से महज 10 सीटों पर जीत हासिल हो सकी है.
चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन से नाराज मायावती ने शनिवार को पिछली बैठक में दो राज्यों, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बसपा अध्यक्षों सहित छह राज्यों के पार्टी प्रभारियों को पद से हटा दिया था. इनमें कुशवाहा भी शामिल हैं. उन्हें उत्तराखंड के प्रभारी पद से हटा कर मायावती ने एमएल तोमर को राज्य का नया प्रभारी बनाया है.
