”पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस” ने खत्म की नामदारों की सियासत : शर्मा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने देश में ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ के उदय को भाजपा की प्रचंड जीत का कारण बताते हुए शनिवार को कहा कि इस चुनाव ने जाति, धर्म, वंशवाद और नाम की सियासत को खत्म कर दिया है. शर्मा ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2019 4:00 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने देश में ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ के उदय को भाजपा की प्रचंड जीत का कारण बताते हुए शनिवार को कहा कि इस चुनाव ने जाति, धर्म, वंशवाद और नाम की सियासत को खत्म कर दिया है. शर्मा ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि जनता ने इस चुनाव में ‘कामदार’ को चुना और जाति, धर्म, वंश और नाम की राजनीति को खत्म कर दिया. इस चुनाव में ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ के उदय ने भाजपा को प्रचंड विजय दिलायी है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज के हर वर्ग को बिना किसी भेदभाव के अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया. इसका मतदाताओं पर बहुत गहरा असर पड़ा. यही वजह है कि उनके लिये कोई काम ना करने वाले जो लोग उन्हें अपना वोट बैंक मानकर चल रहे थे, उन्हें परिणाम भुगतना पड़ा. शर्मा ने कहा कि कई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां मुसलमानों की हितैषी बनने का दावा करती हैं लेकिन इस तबके को सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ अगर किसी ने दिलाया है तो वह भाजपा ही है.
यह लाभ मिलने पर मुस्लिम मतदाताओं को एहसास हो गया कि कौन उन्हें बेवकूफ बना रहा है और कौन उनके लिये काम कर रहा है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में मुसलमानों ने भी भाजपा को वोट दिया है. शर्मा के प्रभार वाली कन्नौज, फिरोजाबाद, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, आगरा, भदोही और बलिया लोकसभा सीटों पर भाजपा को जोरदार जीत हासिल हुई.
इनमें से कन्नौज और फिरोजाबाद सीटें सपा के लिये प्रतिष्ठा का सवाल थीं. कन्नौज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव और फिरोजाबाद में अखिलेश के चचेरे भाई अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे थे, मगर भाजपा ने दोनों ही सीटें सपा से छीन लीं. इसके अलावा फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को करीब पांच लाख वोट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
शर्मा ने सपा के गढ़ कन्नौज और फिरोजाबाद में भाजपा की जीत का जिक्र होने पर कहा कि सपा को अपने अध्यक्ष अखिलेश यादव की अपरिपक्वता का खामियाजा एक बार फिर भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि अखिलेश ने पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस से हाथ मिलाकर नुकसान उठाया और जो कुछ बचा था, उसे मायावती से गठबंधन करके गंवा दिया. अगर ऐसा ही रहा तो एक दिन सपा साफ हो जाएगी.

Next Article

Exit mobile version