ICCFM ने कहा, किसानों को रिटायरमेंट की एज के बाद मिलना चाहिए हर महीने 5000 की पेंशन

नयी दिल्ली : किसान संगठन आईसीसीएफएम ने गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों को किसानों की मांगों को अपने घोषणापत्र में स्थान देना चाहिए. संगठन के मुताबिक, 5,000 रुपये मासिक पेंशन तथा पीएम-किसान योजना के तहत अतिरिक्त आय समर्थन जैसी किसानों की मांगों को सभी राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 14, 2019 10:24 PM

नयी दिल्ली : किसान संगठन आईसीसीएफएम ने गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों को किसानों की मांगों को अपने घोषणापत्र में स्थान देना चाहिए. संगठन के मुताबिक, 5,000 रुपये मासिक पेंशन तथा पीएम-किसान योजना के तहत अतिरिक्त आय समर्थन जैसी किसानों की मांगों को सभी राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करना चाहिए. अखिल भारतीय किसान आन्दोलन समन्वय समिति (आईसीसीएफएम) ने यह भी मांग की कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के सदस्यों का पुनर्वास कराया जाये और कम से कम परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये.

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लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होकर सात चरणों में संपन्न होने हैं. आदर्श आचार संहिता पहले ही लागू हो चुकी है और राजनीतिक दल उम्मीदवारों और चुनाव घोषणा पत्रों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं. आईसीसीएफएम में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), कर्नाटक राज्यरैठा संघ (केआरआरएस), तमिलागा व्यवसायीगल संगम (टीवीएस) और आदिवासी गोत्र महासभा (एजीएम) जैसे प्रमुख किसान निकाय शामिल हैं.

आईसीसीएफएम के युद्धवीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हमारी 18 प्रमुख मांगें हैं. हम चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणापत्र में समयसीमा के स्पष्ट उल्लेख के साथ इन मांगों को शामिल करें. उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष में तीन किस्तों में दी जा रही 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर (2.5 एकड़ जमीन) की प्रत्यक्ष आय समर्थन काफी नहीं है और यह सभी को अपने दायरे में नहीं लेता है.

उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद कम से कम 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जानी चाहिए. अपनी अन्य मांगों के तहत आईसीसीएफएम चाहता है कि सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट में सुझाये गये फार्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करे, ताकि किसानों को उनकी उत्पादन की लागत पर 50 फीसदी लाभ सुनिश्चित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि फसलों को किसी भी हालत में एमएसपी से कम दर पर बेचने की नौबत नहीं आये. कृषि मंडी में इस नियम का पालन नहीं होने पर जुर्माने का प्रावधान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी फसलों की 100 फीसदी खरीद के लिए सरकार की गारंटी होनी चाहिए. फसली ऋण के संदर्भ में, किसानों के इस संगठन ने कहा कि किसानों के कर्ज को बिना शर्त माफ किया जाना चाहिए, जिसमें बटाईदार, किरायेदार किसान भी शामिल होने चाहिए.

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