हिंसक हुआ गुर्जर आंदोलन, करौली व धौलपुर में धारा 144 लागू, गहलोत बोले- वार्ता के लिए द्वार खुले

जयपुर : सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जर समुदाय का आंदोलन रविवार को हिंसक हो गया. धौलपुर जिले में गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई इलाकों में सड़क और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2019 7:45 PM

जयपुर : सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जर समुदाय का आंदोलन रविवार को हिंसक हो गया. धौलपुर जिले में गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.

साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई इलाकों में सड़क और रेल यातायात ठप कर दिया. राज्य प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गुर्जर बहुल धौलपुर और करौली जिले में धारा 144 लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी रविवार तीसरे दिन भी सवाई माधोपुर जिले में रेल पटरियों पर बैठे रहें. इसके चलते दिन में कम से कम 20 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और सात अन्य के मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया.

उनका धरना शुक्रवार शाम शुरू हुआ था और क्षेत्र से होकर गुजरने वाली 250 से अधिक ट्रेनों का आवागमन इसके चलते प्रभावित हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने रविवार को बड़े शहरों को जोड़ने वाले राजमार्गों की भी नाकेबंदी कर दी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यातायात अवरूद्ध करने के सिलसिले में तीन मामले दर्ज किये गये हैं.

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धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. उनके अनुसार कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलायी. इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कुछ जवानों को चोटें भी आयी हैं.

करौली की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि गुर्जरों की बड़ी आबादी को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिले में निषेधाज्ञा लगाई गयी है. धौलपुर के एडीएम राजेश वर्मा ने बताया कि एहतियान पूरे जिले में रविवार को धारा 144 लगायी गयी है. इस बीच, सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कोई नया संवाद नहीं हुआ है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर नेताओं को आगे आकर बातचीत शुरू करनी चाहिए, लेकिन गुर्जर नेता इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने जयपुर में कहा, वार्ता के लिए द्वार खुले हैं. मैं समझता हूं कि उन्हें (आंदोलनकारियों को) खुद आगे आकर बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए. आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी. उसके बाद दोनों पक्षों में कोई संवाद नहीं हुआ है.

गुर्जर नेता विजय बैंसला ने रविवार शाम कहा, आंदोलनकारी पटरी पर बैठे हैं और उनकी… आंदोलन पर डटे रहने की ही नीति है. बैंसला ने कहा कि शनिवार की बातचीत के बाद सरकार की ओर से उन्हें कोई संदेश या संकेत नहीं दिया गया है. बैंसला ने कहा, हमें सरकार के साथ कोई बात नहीं करनी है. हम आरक्षण की मांग कर रहे हैं उसे पूरा कर दिया जाए, हम अपने घर चले जाएंगे.

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