चुनावी घमसान : 37-37 सीटों पर लड़ेगी सपा-बसपा, कांग्रेस व अन्य को छह सीटें, इधर, कांग्रेस ने अकेले लड़ने के दिये संकेत

उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की उम्मीदों को झटका, सपा-बसपा ने तय किया फॉर्मूला, कांग्रेस को किया नजरअंदाज आगामी लोकसभा चुनाव के मद‍्देनजर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को जोरदार झटका लगा है. शुक्रवार को दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 6, 2019 6:08 AM
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की उम्मीदों को झटका, सपा-बसपा ने तय किया फॉर्मूला, कांग्रेस को किया नजरअंदाज
आगामी लोकसभा चुनाव के मद‍्देनजर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को जोरदार झटका लगा है. शुक्रवार को दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में दोनों दलों द्वारा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गयी. छह सीट कांग्रेस, रालोद और अन्य के लिए छोड़ी गयी हैं.
80 लोकसभा सीटों वाले इस महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व अगले सप्ताह सीटों के बंटवारे पर अंतिम दौर का विचार मंथन करेगा. सपा सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव दस जनवरी के बाद मायावती के साथ अगले चरण की बैठक कर उन सीटों को चिन्हित करेंगे जिन पर दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर बसपा और पूर्वांचल में अधिकांश सीटों पर सपा के उम्मीदवार उतारने पर दोनों दल सहमत हैं.
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगले सप्ताह अगर अखिलेश और मायावती की प्रस्तावित बैठक में सीटों का चयन हो जाता है तो 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर सपा-बसपा गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी.
कांग्रेस ने अकेले लड़ने के दिये संकेत, वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया बोले- गठबंधन महत्वपूर्ण नहीं
कांग्रेस ने गठबंधन के बारे में किसी से बात करने की बात नकारी
इस बीच कांग्रेस ने सपा-बसपा के बीच 37 -37 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनने के बाद यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने के संकेत दिये हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि गठबंधन महत्वपूर्ण नहीं है. हमारे कार्यकर्ता चुनाव के लिए तैयार हैं. हमने गठबंधन के बारे में किसी से पहले भी कोई बात नहीं की थी.
यूपी : 16वीं लोस की स्थिति
दलसीट
भाजपा68
सपा07
कांग्रेस02
अपना दल02
रालोद01
आम चुनाव 2014 : इस चुनाव में भाजपा और अपना दल साथ मिलकर लड़े थे.
अमेठी व रायबरेली सीटों पर नहीं होगा प्रत्याशी
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती और अखिलेश ने अमेठी व रायबरेली सीट पर कांग्रेस के खिलाफ गठबंधन का प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है. गठबंधन में रालोद के साथ ही क्षेत्र विशेष में प्रभाव रहने वाले तीन से चार छोटे दलों को भी शामिल किया जा सकता है. रालोद को जहां दो से तीन सीटें देने की बात है वहीं अन्य छोटे दलों को एक से दो सीटें दी जाएंगी. छोटे दलों में पीस पार्टी, निषाद पार्टी, अपना दल और सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) हो सकती है.
सपा-बसपा की गलतफहमी होगी दूर : भाजपा
सपा-बसपा के इस गठजोड़ पर भाजपा का मानना है कि इससे उनकी सीटों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी का कहना है कि सपा और बसपा का गठबंधन नापाक और अवसरवादी गठजोड़ है. प्रदेश की जनता अब जाति की नहीं बल्कि विकास की सियासत चाहती है. अगले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा की गलतफहमी दूर हो जायेगी.

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