राज्यसभा में 31 दिसंबर को पेश होगा तीन तलाक विधेयक, कांग्रेस व अन्य करेंगे विरोध

नयी दिल्ली : मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जायेगा. कांग्रेस और कई अन्य दल इस बिल का विरोध करेंगे. कांग्रेस का कहना है कि वह वर्तमान स्वरूप में इस विधेयक को पारित नहीं होने देगी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 30, 2018 4:18 PM

नयी दिल्ली : मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जायेगा. कांग्रेस और कई अन्य दल इस बिल का विरोध करेंगे. कांग्रेस का कहना है कि वह वर्तमान स्वरूप में इस विधेयक को पारित नहीं होने देगी. वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने ऊपरी सदन में व्हिप जारी करके अपने सदस्यों से उपस्थित रहने को कहा है.

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे. विधेयक को बृहस्पतिवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है. विधेयक के पक्ष में 245, जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे. प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में भाजपा नीत एनडीए के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो, सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा. विधेयक को सोमवार को राज्यसभा के विधायी एजेंडे में शामिल किया गया है.

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि पार्टी अन्य के साथ हाथ मिला कर विधेयक को सदन में पारित नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि 10 विपक्षी दल लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 के खिलाफ खुलकर सामने आये थे. वेणुगोपाल ने कहा कि यहां तक कि अन्नाद्रमुक सहित जो दल विभिन्न मुद्दों पर सरकार का समर्थन करते हैं, उन्होंने भी विधेयक का विरोध किया.

विपक्ष ने तीन तलाक विधेयक के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाये हैं. विपक्ष इस विधेयक पर और गौर करने के लिए इसे संसद की ‘संयुक्त प्रवर समिति’ के पास भेजने की मांग कर रहा है. प्रस्तावित कानून में, एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य ठहराया गया है और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास का प्रावधान है.

Next Article

Exit mobile version