अयप्पा श्रद्धालुओं के समर्थन में उतरे अमित शाह, बल प्रयोग को लेकर राज्य सरकार पर बरसे

कन्नूर (केरल) : केरल की वामपंथी सरकार पर हमले तेज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि राज्य में आपातकाल जैसे हालात हैं और राज्य सरकार सबरीमाला मामले में प्रदर्शन कर रहे अयप्पा श्रद्धालुओं के खिलाफ बर्बरतापूर्वक बल का प्रयोग कर आग से खेल रही है. राजनीतिक रूप से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2018 9:31 PM

कन्नूर (केरल) : केरल की वामपंथी सरकार पर हमले तेज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि राज्य में आपातकाल जैसे हालात हैं और राज्य सरकार सबरीमाला मामले में प्रदर्शन कर रहे अयप्पा श्रद्धालुओं के खिलाफ बर्बरतापूर्वक बल का प्रयोग कर आग से खेल रही है. राजनीतिक रूप से संवेदनशील कन्नूर में भाजपा के जिला कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद अपने भाषण में बेहद कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार ‘मंदिरों के खिलाफ षड्यंत्र’ कर रही है.

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वामपंथी सरकार पर जम कर बरसते हुए शाह ने माहवारी आयुवर्ग की महिलाओं को अयप्पा मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं का समर्थन किया. माकपा नीत एलडीएफ सरकार पर अयप्पा श्रद्धालुओं के प्रदर्शन को दबाने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि केरल में आपातकाल जैसे हालात हैं. तमिलनाडु में सांडों को काबू में करने वाले खेल जलीकट्टू और मस्जिदों में लाउडस्पीकर के प्रयोग पर रोक लगाने संबंध सुप्रीम कोर्ट के ऐसे फैसलों को शाह ने रेखांकित किया, जिन्हें लागू नहीं किया जा सका.

शाह ने कहा कि अदालतों द्वारा अव्यावहारिक निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए और उन्हें ऐसे आदेश देने चाहिए, जो लागू किये जा सकें. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आप अयप्पा भक्तों पर हमले करने की जगह राज्य के विकास पर ध्यान लगायें. उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को चेतावनी दी कि यदि बल प्रयोग जारी रहा, तो उन्हें ‘भारी कीमत’ चुकानी पड़ेगी, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता सरकार को गिराने में कतई संकोच नहीं करेंगे.

वहीं, शाह पर पलटवार करते हुए विजयन ने उन्हें याद दिलाया कि राज्य सरकार भाजपा की दया पर नहीं टिकी हुई है. विजयन ने एक बयान में दावा किया कि लेकिन यह सरकार जनता की चुनी हुई है. शाह का भाषण यह संदेश देता है कि जनादेश को भंग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक विचार रखने वाले सभी लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि शाह का भाषण राज्य सरकार के खिलाफ कम और सुप्रीम कोर्ट और उसके फैसले के खिलाफ ज्यादा था.