मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावों में धन के दुरुपयोग पर कही यह बात

नयी दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भारत में चुनाव के दौरान धन के भारी पैमाने पर दुरुपयोग को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि इस दिशा में मौजूदा कानून कारगर नहीं होने के कारण आयोग राज्य से वित्तीय सहायता (स्टेट फंडिंग) से चुनाव लड़ने जैसे सुधारात्मक उपाय तलाश रहा है. रावत ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2018 10:00 AM

नयी दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भारत में चुनाव के दौरान धन के भारी पैमाने पर दुरुपयोग को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि इस दिशा में मौजूदा कानून कारगर नहीं होने के कारण आयोग राज्य से वित्तीय सहायता (स्टेट फंडिंग) से चुनाव लड़ने जैसे सुधारात्मक उपाय तलाश रहा है.

रावत ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर कहा कि चुनाव में धन का दुरुपयोग भारत और भारतीय चुनावों के लिए मुख्य चिंता का विषय है. चुनाव प्रचार में वित्तपोषण की पारदर्शिता के लिए कई सुझाव आये हैं, इनमें स्टेट फंडिंग भी शामिल है.

रावत ने कहा कि लेकिन मौजूदा कानूनी ढांचा, इस समस्या से निबटने में पूरी तरह से उपयुक्त नहीं है. इसलिए आयोग ने इस दिशा में कई सुधारात्मक उपाय सुझाये हैं.

उन्होंने कहा कि जहां तक स्टेट फंडिंग का सवाल है, आयोग यह महसूस करता है कि धनबल पर प्रभावी नियंत्रण करना जरूरी है, क्योंकि जब तक चुनावी अखाड़े में धनबल के स्रोत मौजूद रहेंगे, तब तक स्टेट फंडिंग जैसी पहल अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर पायेगी.

रावत ने कहा कि दिल्ली राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा आयोजित इस तरह की संगोष्ठियों के माध्यम से चुनाव सुधार के कारगर उपायों को उपयुक्त मंथन के बाद लागू करना प्रभावी पहल साबित होगी.

उन्होंने कहा कि भारत सहित अन्य लोकतांत्रित देशों में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए तकनीक के दुरुपयोग से डाटा चोरी और फर्जी खबरों (फेक न्यूज) का प्रसारण आज और कल के प्रमुख खतरे हैं.

रावत ने केंब्रिज एनालिटिका मामले का जिक्र करते हुए कहा कि फर्जी खबरों के बढ़ते खतरे से वैश्विक जनमत प्रभावित होने की चिंता भी बढ़ गयी है. उन्होंने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव की पहल पर आयोजित संगोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के विमर्श से ही इन समस्याओं का समाधान निकलेगा.

उन्होंने कहा कि मीडिया संगठनों को फर्जी खबरों का प्रसार रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर अपनाये जा रहे कारगर उपायों को स्वत: अपनाने की पहल करनी चाहिए.

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