हंगामे के कारण 15 मिनट तक नहीं हुआ राज्यसभा का सीधा प्रसारण

नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे तेदेपा सदस्यों के हंगामे के बीच आज राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण राज्यसभा टीवी चैनल पर करीब 15 मिनट तक नहीं हुआ . हालांकि इस दौरान सदन में प्रश्नकाल जारी रहा और शोरगुल के बीच ही विभिन्न सदस्यों ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2018 3:06 PM

नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे तेदेपा सदस्यों के हंगामे के बीच आज राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण राज्यसभा टीवी चैनल पर करीब 15 मिनट तक नहीं हुआ . हालांकि इस दौरान सदन में प्रश्नकाल जारी रहा और शोरगुल के बीच ही विभिन्न सदस्यों ने पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए. सभापति एम वेंकैया नायडू के निर्देश पर राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण प्रश्नकाल में स्थगित कर दिया गया.

तेदेपा सदस्यों ने शून्यकाल में ही हंगामा किया था जिस वजह से सदन की बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. तेदेपा के वाई एस चौधरी और सी एम रमेश ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया था. सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर तेदेपा सदस्यों की ओर से जो नोटिस मिले हैं उन्हें नियम 176 के तहत स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कल नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा होगी.
कार्यमंत्रणा समिति में भी इस संबंध में बात हो चुकी है. लेकिन चौधरी और रमेश अपने मुद्दे पर आज चर्चा कराने की मांग करते रहे. इस दौरान तेदेपा के कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए. सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख सभापति ने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर भी तेदेपा सदस्यों का हंगामा जारी रहा तथा तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए.
तेदेपा सदस्य इस मुद्दे पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम 168 के तहत चर्चा कराना चाहते थे. नियम 168 के तहत सदन में चर्चा कराये जाने की मांग को नायडू ने अस्वीकार कर दिया. सभापति ने कहा कि उनके मुद्दे पर नियम 176 के तहत चर्चा स्वीकार कर ली गयी है और उन्हें सदन में हंगामा नहीं करना चाहिए. लेकिन तेदेपा सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ.
तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाजी के दौरान संपन्न हुये प्रश्नकाल के आखिर में नायडू ने कहा कि उन्होंने इस मामले में उठाये गये विषय पर नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा कराने की मांग स्वीकार कर ली है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में नियम 168 के तहत एक और नोटिस दिया गया.
प्रक्रिया संबंधी नियमों के तहत एक ही विषय पर दो अलग अलग नियमों के तहत चर्चा नहीं हो सकती. नायडू ने कहा कि सदन की कार्यवाही शुरु होने पर भी इस मुद्दे पर एक बार सदन स्थगित करना पड़ा था. इसके बाद बैठक शुरु होने पर सदन की भावना को देखकर यह साफ हो गया कि सामान्य रूप से सभी सदस्य प्रश्नकाल को जारी रखना चाहते हैं. इसलिये प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखी गयी.

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