अब कश्मीर में आतंकियों की खैर नहीं, फिर से शुरू होगा ऑपरेशन ऑलआउट

श्रीनगर/नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में ईद के बाद एक बार फिर ऑपरेशन ऑल आउट सेना चलाएगी. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के जिस ऑपरेशन पर रोक लगायी गयी थी वह ईद के बाद फिर से शुरू किया जाएगा. इधर, सीजफायर के एक्सटेंशन को लेकर शुक्रवार को गृह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 15, 2018 2:25 PM

श्रीनगर/नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में ईद के बाद एक बार फिर ऑपरेशन ऑल आउट सेना चलाएगी. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के जिस ऑपरेशन पर रोक लगायी गयी थी वह ईद के बाद फिर से शुरू किया जाएगा. इधर, सीजफायर के एक्सटेंशन को लेकर शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और जम्मू-कश्‍मीर के हालात के संबंध में चर्चा की.

जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई स्थगित करने केंद्र की एक माह पुरानी योजना को जारी रखने को लेकर पसोपेश की स्थिति थी. कुछ सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों के फिर एकजुट होने सहित इसके नुकसानों की ओर इंगित कर रही है, तो वहीं गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारी सुझाव के साथ इसके समर्थन में हैं कि खुफिया जानकारी आधारित अभियानों को बढ़ाया जाना चाहिए.

यहां चर्चा कर दें कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आगामी अमरनाथ यात्रा के सिलसिले में प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक बैठक गुरुवार को बुलायी थी. इस दौरान रमजान के महीने में एकतरफा संघर्ष विराम के फायदे और नुकसान के बारे में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों तथा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के साथ चर्चा की गयी. बैठक में सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि कार्रवाई स्थगित करने से आतंकवादियों को दोबारा एकजुट होने का मौका मिल गया. वे और अधिक मुक्त होकर इधर से उधर घूमे हैं और युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए समझाने में भी कामयाब हुए हैं.

अधिकारियों ने गृहमंत्री को बैठक के दौरान यह भी बताया कि इस दौरान सुरक्षाबलों पर हमले बढे़ हैं. गुरुवार को सेना के एक जवान का अपहरण कर लिया गया. इससे उनका हौसला बुलंद हुआ है. ये आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए खतरा बन सकते हैं क्योंकि कुछ आतंकवादी संगठनों ने रमजान के संघर्ष विराम को खारिज कर दिया है.

यदि आपको याद हो तो इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार ने वर्ष 2000 में रमजान के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल नहीं करने की घोषणा की थी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा था कि गोली या गाली से कश्मीर मसले का समाधान नहीं हो सकता है, इसका समाधान केवल कश्मीर के प्रत्येक व्यक्ति को गले लगाने से हो सकता है.

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