TDP की NDA से बढ़ रही तल्खियत, मोदी सरकार से पार्टी दिलवा सकती है मंत्रियों का इस्तीफा

नयी दिल्ली : तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच तल्खियत दिनोंदिन बढ़ती ही नजर आ रही है. इन दोनों के बीच की तल्खी तब और बढ़ गयी, जब टीडीपी ने मोदी सरकार के सामने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा देने की मांग की है. मोदी सरकार टीडीपी की इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2018 9:24 AM

नयी दिल्ली : तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच तल्खियत दिनोंदिन बढ़ती ही नजर आ रही है. इन दोनों के बीच की तल्खी तब और बढ़ गयी, जब टीडीपी ने मोदी सरकार के सामने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा देने की मांग की है. मोदी सरकार टीडीपी की इस मांग को मानने की खातिर राजी नहीं है. खबर यह भी है कि यदि मोदी सरकार ने उसकी बात नहीं मानी, तो पार्टी अपने मंत्रियों को मोदी सरकार से इस्तीफा भी दिला सकती है.

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केंद्र सरकार भले ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन आंध्र प्रदेश के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने के साथ ही विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को भी मंज़ूरी देने को तैयार है. वहीं, टीडीपी की मांग है कि मोदी सरकार उस वादे को पूरा करे जो आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान तत्कालीन सरकार ने किया था.

सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की टीडीपी की मांग को इसलिए नहीं मांग सकती, क्योंकि किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए नियमों में बदलाव करने पड़ेंगे. अगर नियमों में बदलाव करके टीडीपी की मांग को मान लिया, तो बिहार, झारखंड जैसे अन्य राज्य भी इस तरह की मांग कर मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. इसलिए मोदी सरकार टीडीपी की मांग के आगे किसी भी क़ीमत पर झुकने को तैयार नहीं है.

संसद में जिस तरह से टीडीपी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसके बाद शिवसेना ने भी टीडीपी की मांग को जायज मानते हुए संसद में टीडीपी का समर्थन किया. शिवसेना ने पहले ही ऐलान किया हुआ है, कि वह 2019 के आम चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर नहीं लड़ेगी.