12 लाख आयकर भरने वाले इंजीनियर ने क्यों लिया दीक्षा का फैसला ?.एक चैट ने बदल दी जिंदगी

मुंबई : आईआईटी मुंबई से कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद 29 साल के संकेत पारेख के पास एक अच्छी नौकरी थी. यूएस में आगे की पढ़ाई का सपना था. लगभग 12 लाख रुपये हर साल वह आयकर भरते थे. उनके आयकर रिटर्न से आप उनके मासिक वेतन का अंदाजा लगा सकते है. हर दिन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2018 6:37 PM
मुंबई : आईआईटी मुंबई से कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद 29 साल के संकेत पारेख के पास एक अच्छी नौकरी थी. यूएस में आगे की पढ़ाई का सपना था. लगभग 12 लाख रुपये हर साल वह आयकर भरते थे. उनके आयकर रिटर्न से आप उनके मासिक वेतन का अंदाजा लगा सकते है. हर दिन नये टारगेट और लक्ष्य के साथ अपना काम करनेवाले संकेत अचानक ठहर गये. एक दिन उन्होंने दीक्षा लेने का फैसला कर लिया. एक युवा लड़का जिसके कई सपने हो सकते हैं. महंगी कार, अच्छे घर और शानदार लाइफ स्टाइल का सपना संकेत का भी था लेकिन एक बातचीत ने उसकी जिंदगी की दिशा बदल दी.
एक शाम संकेत अ ने दोस्त के साथ बातचीत कर रहे थे. कनाडा के एक विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप कर रहा उनका दोस्त उनसे साधारण बातचीत करता था जैसे आगे भविष्य में क्या करेंगे. योजनाएं क्या है. इन मुद्दों पर दोनों के बीच बाचती होती थी. संकेत कहते हैं, पता नहीं कैसे अचानक हमारी बात आत्मा की अवधारणा पर शुरू हो गयी थी.यह पहली बार था, जब मैंने आत्मा, शरीर और दिमाग पर सोचना शुरू कर दिया. इस सोच ने मुझे कई जवाब दिये और मुझे अंदर तक सोचने पर मजबूर कर दिया. इस खोज ने पाऱेख को आधुनिक गैजेट्स से दूर कर दिया. मोबाइल लैपटॉप से संकेत ने दूरी बना ली. यहां तक की जिस दोस्त से उसकी बातचीत होती थी उससे भी किनारा कर लिया.
संकेत के पिता इस दुनिया में नहीं है. जब अपनी मां को इस बारे में उसने बताया, तो उन्हें मनाना कठीन था.संकेत ने मां को बताया कि मैं कुछ भी कर लूंगा लेकिन मेरी खुशी इसी में है, अब दीक्षा ले लूं. संकेत ने लगभग दो साल से ज्यादा का वक्त आचार्य युगभूषण सूरी जी के साथ बिताया और अनुष्ठान और अन्य मूल बातें को समझा. दीक्षा लेने वालों में संकेत अकेला नहीं है उसके समूह में 14 साल की एक बच्ची है जो अपने माता पिता के साथ दीक्षा ले रही है. इस समूह में 45 साल के एक व्यापारी भी दीक्षा ले रहे हैं

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