#Mumbai VIDEO: 117 साल पुराने भवन में दबे नौ परिवार, तंग कमरों में रहते थे 40 लोग, मृतकों की संख्‍या हुई 34

undefined... मुंबई : साउथ मुंबई के भिंडी बाजार में 117 साल पुरानी पांच मंजिला हुसैनी इमारत के गुरुवार को गिरने से कम से कम 34 लोग मारे गये. 15 अन्य जख्मी हो गये. घायलों को मलबे से निकाले जाने के बाद जेजे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बचाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2017 8:57 AM

undefined

मुंबई : साउथ मुंबई के भिंडी बाजार में 117 साल पुरानी पांच मंजिला हुसैनी इमारत के गुरुवार को गिरने से कम से कम 34 लोग मारे गये. 15 अन्य जख्मी हो गये. घायलों को मलबे से निकाले जाने के बाद जेजे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बचाव टीमें भारी मशीनरी के साथ हादसे में जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटी हैं. कंक्रीट और लोहे की टूटी-मुड़ी छड़ों के भीतर अभी भी कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका है.

शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है. हादसे में 12 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. भीड़ के कारण संकीर्ण सड़कों से उन्हें गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बचाव अभियान में पांच दमकलकर्मी और एक एनडीआरएफ जवान भी जख्मी हो गया. दमकल कर्मियों ने बताया कि क्षत-विक्षत इमारत में नौ परिवार रहते थे. मुस्लिम बहुल इलाके पाकमोडिया मार्ग स्थित इमारत में रहनेवाले ज्यादातर परिवार निम्न-मध्यम वर्ग के थे.

VIDEO: मुंबई में 3 मंजिला इमारत ढही, 24 की मौत, फडणवीस ने लिया जायजा

गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे ध्वस्त इमारत के भूतल पर छह गोदाम थे. कंक्रीट के मलबे और लोहे की मुड़ चुकी छड़ों के ढेर को किसी तरह हटाया जा रहा है. बचावकर्मी नीचे तक पहुंचने के लिए मलबे के ढेर पर चढ़ कर कंक्रीट की स्लैब को हथौड़े से तोड़ रहे हैं. स्थानीय निवासी भी मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं.

तंग कमरों में 40 लोग रहते थे
कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि इमारत के तंग कमरों में नौ परिवारों के 40 लोग रहते थे. इमारत को महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) की ओर से ‘असुरक्षित’ घोषित कर दिया गया.

बिल्डिंग का रिनोवेशन जल्द कराना था : ट्रस्ट

सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (एसबीयूटी) को इमारत के पुर्नविकास का काम कराना था. ट्रस्ट ने कहा कि इमारत में 13 किरायेदार रहते थे, जिसमें 12 रिहायशी और एक कर्मिशियल थे. उनमें से ट्रस्ट ने सात परिवारों को 2013-14 में ही दूसरे मकान में भेज दिया था.