इव टीजिंग से निबटेगी महिला स्क्वॉयड की टीम

जयपुर में छेड़छाड़ पर लगाम के लिए प्रशासन की पहल महिलाओं के साथ होनेवाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस ने महिला स्क्वॉयड का गठन किया है. इसके बाद स्कूल कॉलेज की महिलाओं को काफी राहत मिली है. सार्वजनिक जगहों पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए राजस्थान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 8:27 AM
जयपुर में छेड़छाड़ पर लगाम के लिए प्रशासन की पहल
महिलाओं के साथ होनेवाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस ने महिला स्क्वॉयड का गठन किया है. इसके बाद स्कूल कॉलेज की महिलाओं को काफी राहत मिली है.
सार्वजनिक जगहों पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए राजस्थान के जयपुर में महिला स्क्वॉयड का गठन किया गया है. न्यूज डीपली में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 28 वर्षीय लडा कुमारी जयपुर में मोटरबाइक पर सवार हो कर पेट्रौलिंग कर रही थी. उन्होंने देखा कि सेंट्रल पार्क के पास कुछ लड़के एक लड़की को घेर कर छेड़ रहे थे.
उन्होंने बताया कि वे उनके बीच गयीं. लड़के उन्हें देख कर वहां से निकल भागे. मई में गठित हुए इस स्क्वॉयड की प्रमुख हैं कुमारी, जिन्हें 52 महिला पुलिसकर्मियों के इस दल के गठन का श्रेय जाता है. 30 लाख निवासियों वाले इस शहर में महिला उत्पीड़न से निबटने के लिए, इन महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है. जयपुर के पुलिस कमीश्नर राजेंद्र सिंह बताते हैं कि वे स्कूलों, पार्कों और मॉल जैसे सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करती हैं.
राजस्थान महिला उत्पीड़न रोकने के लिए दल बनानेवाला पहला शहर नहीं है. जयपुर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनकी महिला दल जोड़ों को छोड़ उत्पीड़न व छेड़-छाड़ के मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगी. कमिशनरेट के एक पुलिसकर्मी ने बताया कि महिलाएं छेड़-छाड़ होने पर पुरुष पुलिसकर्मियों से मामले के बारे में खुलकर नहीं बता सकती. जब उन्हें महिला पुलिसकर्मी से बताना होगा, तो वह बता सकेंगी कि उनके साथ हुआ क्या है.
जयपुर में लगभग 60 पुलिस स्टेशन हैं, जिनमें से चार विशेष रूप से महिलाओं के मुद्दे देखते हैं. महिलाओं के पुलिस स्टेशनों को दहेज से यौन उत्पीड़न तक विवादों से सब कुछ का प्रभार दिया गया है. इसके साथ ही सभी पुलिस स्टेशनों में एक डेस्क होता है जहां महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. वहां हमेशा पर्याप्त महिला अधिकारियों स्टाफ नहीं होता है.
जयपुर के कमिश्नरेट में नियंत्रण और कमांड सेंटर के प्रमुख कमला शेखावत कहती हैं कि कई भारतीय महिलाएं पुलिस बल में शामिल होने से कतराती हैं. हमने महिलाओं की भर्ती के लिए अपने द्वार खोल दिये हैं. ताकि वे हमारे साथ काम करें. शेखावत का कहना है कि जयपुर में निकट भविष्य में और अधिक महिला दस्ते बनाने की योजना है.
पांच में से एक महिला छेड़छाड़ की शिकार
एक्शनएड यूके के एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, पांच भारतीय महिलाओं में लगभग चार महिलाएं अनुभव करती हैं कि जनता में उत्पीड़न का अनुभव होता है. लड़कियां स्कूल जाने के क्रम में व महिलाएं काम पर पुरुषों के साथ घिरे होने के दौरान पुरुषों की भद्दी टिप्पणियों का शिकार होती हैं.
वहीं अन्य लोग पुरुषों की इन गतिविधियों को या तो देखते रहते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसी घटनाओं पर विराम लगाने के लिए इस महिला दस्ते का गठन किया गया है. जिससे यहां कि महिलाएं पुलिस के प्रयासों से खुश है. 17 वर्षीय दिव्या नरूका ने बताया कि पुरुष अक्सर एक मंडली में या गेट पर समूह बना कर बैठते हैं और आती-जाती महिलाओं पर छिटाकशी करते हैं. स्क्वॉयड अगर इसे रोकने में सफल रही तो हम मानेंगे कि पुलिस कुछ कर रही है.
पुरुषों के व्यवहार में परिवर्तन की जरूरत
राजस्थान विवि का कनोरिया कॉलेज महिला कॉलेज है, जो राजमार्ग पर है. इस दस्ते ने लगातार पेट्रौलिंग कर मनचलों पर कार्रवाई भी की है. 22 वर्षीय आर्ट्स छात्रा अंतिमा जोशी का कहना है कि वे महिला स्कवॉयड की पेट्रोलिंग से खुश हैं. इससे छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी देखी गयी है. वे बताती हैं कि महिला पुलिस को इस काम में लगाना अच्छी पहल है क्योंकि वे हमारी मुश्किलें बेहत तरीके से समझ सकती हैं. वही कनोरिया के उप प्रधानाचार्य मेधा का कहना है कि सिर्फ पेट्रोलिंग से कुछ भी बदलनेवाला नहीं है. इससे लोग कुछ दिन के लिए सतर्क हो जायेंगे फिर कुछ दिनों बाद स्थिति पहले जैसी हो जायेगी. लेकिन, अगर पुरुषों के व्यवहार में परिवर्तन आ जाये तो महिलाओं से छेड़छाड़ से बचा जा सकता है.

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