राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई नहीं दे रहा भाव, विपक्ष की बैठक में भी नहीं बुलाया गया

।। मिथिलेशझा ।। नयी दिल्लीः सरकार और विपक्ष दोनों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. सत्ताधारी और विपक्षी दोनों गंठबंधन अपने-अपने प्रत्याशी को इलेक्टोरल काॅलेज के अधिक से अधिक मत दिलाने के प्रयासों में जुटा है. दोनों गंठबंधन के नेता हर पार्टी के नेता से मिल रहे हैं. अपने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2017 9:52 PM

।। मिथिलेशझा ।।

नयी दिल्लीः सरकार और विपक्ष दोनों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. सत्ताधारी और विपक्षी दोनों गंठबंधन अपने-अपने प्रत्याशी को इलेक्टोरल काॅलेज के अधिक से अधिक मत दिलाने के प्रयासों में जुटा है. दोनों गंठबंधन के नेता हर पार्टी के नेता से मिल रहे हैं. अपने प्रत्याशी के लिए समर्थन मांग रहे हैं.

एनडीए और यूपीए जिन दलों से अपने प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने की अपील कर रही है, उसमें कई पार्टियां ऐसी हैं, जिनके वोटों का मूल्य नगण्य है. फिर भी राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पूछ बनी हुई है. लेकिन, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) को कोई पूछ तक नहीं रहा.

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नरेंद्र मोदी को पानी पी-पी कर कोसनेवाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी के दिल्ली और पंजाब विधानसभा में कुल 87 विधायक हैं. लोकसभा में आम आदमी के चार सांसद हैं. पार्टी के विधायकों और सांसदों के वोट का मूल्य 9,038 है. यह इलेक्टोरल काॅलेज के कुल वोट का 0.82 फीसदी है.
दूसरी ओर, ऐसे भी दल हैं, जिनका वोट प्रतिशत नगण्य है. दो दल (एमजीपी और जीएफपी) के तीन-तीन विधायक हैं. दोनों दलों के पास महज 60-60 वोट हैं. लेकिन वे सत्ताधारी गंठबंधन का हिस्सा हैं.

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एसडब्ल्यूपी और आरपीआइ के वोट मूल्य 708-708 हैं और सत्ताधारी गंठबंधन में अहमियत रखते हैं. 832 और 880 वोट मूल्यवाले दल एसबीएसपी और आजसू भी सरकार के लिए अहम दल हैं.
विपक्ष की बात करें, तो 176, 208 और 352 वोट मूल्यवाले दल क्रमशः भाकपा माले, रालोद और फाॅरवर्ड ब्लाॅक को भी अहमियत मिल रही है.

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बेहद आश्चर्य की बात है कि बात-बात पर केंद्र में सत्ताधारी दल को कोसनेवाले और हर चुनाव में जीत का दंभ भरनेवाले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम राष्ट्रपति चुनाव पर कुछ नहीं बोल रही.

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