Ranchi News पर्युषण पर्व के पांचवें दिन ‘उत्तम सत्य धर्म’ की पूजा
जैन धर्मावलंबियों के प्रमुख पर्व पर्युषण के पांचवें दिन सोमवार को जैन मंदिरों में ‘उत्तम सत्य धर्म’ की पूजा-अर्चना की गयी.
रांची. जैन धर्मावलंबियों के प्रमुख पर्व पर्युषण के पांचवें दिन सोमवार को जैन मंदिरों में ‘उत्तम सत्य धर्म’ की पूजा-अर्चना की गयी. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होकर आत्मशुद्धि का संकल्प लिया. अपर बाजार स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन माला के दौरान पंडित अंकित जैन शास्त्री ने उत्तम सत्य धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्य का वास्तविक अर्थ केवल सच बोलना नहीं, बल्कि अप्रिय, कठोर, निंदापूर्ण और कटु वचनों से बचना भी है. उन्होंने कहा उत्तम सत्य धर्म वह मार्ग है जो व्यक्ति को सत्य, न्याय और नैतिकता की दिशा में अग्रसर करता है. यह न केवल बाहरी आचरण की शुद्धता पर बल देता है, बल्कि अंतःकरण की पवित्रता को भी अनिवार्य मानता है. उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में जब समाज में छल, कपट और स्वार्थ बढ़ रहे हैं, ऐसे में उत्तम सत्य धर्म का पालन ही मनुष्य को सच्चे अर्थों में धर्मनिष्ठ और मानवतावादी बना सकता है. सत्य को जीवन में आत्मसात करना ही उत्तम आचरण का प्रतीक है, जो अंततः समाज में शांति, समरसता और विश्वास की स्थापना करता है. अपर बाजार जैन मंदिर में शांतिधारा सुनील कुमार, अनिल कुमार चांदुवाड़ परिवार तथा राजेंद्र कुमार, संजीव कुमार बड़जात्या परिवार द्वारा संपन्न हुई. वहीं, वासुपूज्य जिनालय में शांतिधारा का आयोजन अशोक कुमार, अंकित कुमार सेठी परिवार एवं लालचंद-प्रवीण कुमार छाबड़ा परिवार की ओर से किया गया.
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