आइएसपी ने नये चूना व डोलोमाइट कैल्सिनेशन प्लांट के लिए किया अनुबंध
बुधवार को सेल-इस्को स्टील प्लांट (आइएसपी) ने महत्वपूर्ण अनुबंध किया. यह समझौता एम/एस क्वालिकल इंटरनेशनल एसआरएल (इटली), एम/एस मनीश्री रिफ्रैक्ट्रीज़ एंड सिरेमिक्स प्रा. लि. (कटक) और एम/एस एक्यूरेट इंडस्ट्रियल कंट्रोल्स प्रा. लि. (पुणे) के कंसोर्टियम के साथ हुआ है.
बर्नपुर.
बुधवार को सेल-इस्को स्टील प्लांट (आइएसपी) ने महत्वपूर्ण अनुबंध किया. यह समझौता एम/एस क्वालिकल इंटरनेशनल एसआरएल (इटली), एम/एस मनीश्री रिफ्रैक्ट्रीज़ एंड सिरेमिक्स प्रा. लि. (कटक) और एम/एस एक्यूरेट इंडस्ट्रियल कंट्रोल्स प्रा. लि. (पुणे) के कंसोर्टियम के साथ हुआ है. इस अनुबंध के तहत नई चूना और डोलोमाइट कैल्सिनेशन प्लांट (एलडीसीपी) की स्थापना की जाएगी. आइएसपी का यह अनुबंध ब्राउनफील्ड क्षमता विस्तार परियोजना का एक अहम हिस्सा है. परियोजना का लक्ष्य बीएफ-बीओएफ मार्ग से 4.08 एमटीपीए कच्चे इस्पात उत्पादन की क्षमता जोड़ना है. इसमें अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित कई टर्नकी और आइटम रेट पैकेज शामिल हैं. एलडीसीपी-1 पैकेज के तहत तीन 600 टीपीडी चूना और एक 600 टीपीडी डोलोमाइट कैल्सिनेशन किल्न स्थापित किए जाएंगे, जो स्टील मेल्टिंग शॉप और नए सिन्टेरिंग प्लांट की फ्लक्स जरूरतें पूरी करेंगे.तकनीकी विशेषताएं व महत्व
नया संयंत्र ट्विन शाफ्ट, पैरेलल फ्लो, रीजेनेरेटिव किल्न तकनीक से लैस होगा. यह तकनीक ऊर्जा दक्षता और उच्च गुणवत्ता वाले चूना व कैल्सिन्ड डोलोमाइट उत्पादन सुनिश्चित करेगी. सेल प्रवक्ता ने कहा कि यह अनुबंध भविष्य के लिए एक बड़ा निवेश है और भारत में बढ़ती इस्पात मांग को पूरा करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है.राष्ट्रीय इस्पात नीति से जुड़ाव
सेल का यह विस्तार वर्ष 2030-31 तक 300 एमटीपीए कच्चे इस्पात उत्पादन क्षमता हासिल करने के राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा. प्रवक्ता ने कहा कि यह पहल इस्पात उद्योग की दिशा में भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत बनाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
