Gaya News : समाज में बदलाव लाने के लिए संसाधन नहीं, सोच की आवश्यकता : कुलपति

गया. कोई भी व्यक्ति समाज के बिना नहीं रह सकता, क्योंकि यह हमें नाम, पहचान और लोगों का समर्थन देता है. आजकल शिक्षा की समझ में काफी बदलाव आया है,

By PANCHDEV KUMAR | March 11, 2025 9:41 PM

गया. कोई भी व्यक्ति समाज के बिना नहीं रह सकता, क्योंकि यह हमें नाम, पहचान और लोगों का समर्थन देता है. आजकल शिक्षा की समझ में काफी बदलाव आया है, क्योंकि पहले इसका प्रयोग मुक्ति के लिए किया जाता था लेकिन आज इसका प्रयोग नियुक्ति के लिए किया जाता है. उक्त वक्तव्य सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने सोशियोलॉजिकल स्टडीज विभाग द्वारा सामाजिक कार्य शिक्षकों के लिए सामाजिक सुरक्षा मुद्दों पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कही. राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआइएसडी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने इस तथ्य पर जोर दिया कि भारतीय समाज में संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो बदलाव लाने के लिए काम कर सकें. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय पवार ने कहा कि सरकार अकेले जमीनी स्तर पर काम नहीं कर सकती है, इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं की तत्काल आवश्यकता है. उन्होंने महाभारत में पांडवों का पक्ष लेकर धर्मयुद्ध जीतने में ट्रांसजेंडरों के महत्व पर प्रकाश डाला जो पुरुष और महिला दोनों के दिमाग या दृष्टिकोण से सोचते और कार्य करते हैं. उन्होंने यह भी जानकारी साझा की कि एनआइएसडी ने गया नगर निगम को एक भिक्षा गृह स्वीकृत किया है. कार्यक्रम के संसाधन व्यक्ति, उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ रावेंद्र सिंह जादौन ने सामाजिक सुरक्षा के लिए व्यावहारिक ज्ञान की प्रासंगिकता के बारे में बात की और साथ ही, भारत में बच्चों जैसे कमजोर वर्गों के बारे में बताया जो सबसे कमजोर हैं. उसके बाद तीसरे लिंग, बुजुर्ग व्यक्ति, महिलाएं और पुरुष हैं. सामाजिक कमजोरियों को दूर करके समाज की रक्षा पर जोर पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सोशियोलॉजिकल स्टडीज विभाग के अध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन डॉ हरेश नारायण पांडेय ने किया. कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सामाजिक सुरक्षा एक व्यापक दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य बुजुर्गों, नशा करने वालों, ट्रांसजेंडर, भिखारियों आदि की सामाजिक कमजोरियों को दूर करके समाज की रक्षा करना है. इस अवसर पर प्रो प्रणव कुमार, प्रो पवन कुमार मिश्रा, प्रो रवि कांत, अजय प्रताप सिंह के साथ विभाग से डॉ समापिका महापात्रा, डॉ हरेश नारायण पांडेय, डॉ जितेंद्र राम, डॉ प्रिय रंजन, डॉ पारिजात प्रधान, डॉ कबीर एपी मौजूद थे समापिका महापात्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है