National Anthem: आज ही के दिन पहली बार गाया गया था ‘जन-गण-मन’, जानिए इसके पीछे का इतिहास

24 जनवरी, 1950 को प्रथम राष्‍ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने आधिकारिक रूप से 'जन गण मन' को राष्‍ट्रगान और 'वंदे मातरम' को राष्‍ट्रगीत घोषित किया लेकिन क्या आपको पता पहली बार राष्ट्रगान आज ही के दिन यानी 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था. आइये जानते हैं.

By Nutan kumari | December 27, 2023 8:28 AM

National Anthem History: भारत का राष्ट्रगान पहली बार आज ही के दिन यानी 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था. ‘जन गण मन’ बंगाली भजन ‘भरोतो भाग्यो बिधाता’ का पहला छंद है और इसे गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था. टैगोर की भतीजी, सरला देवी चौधुरानी ने, कुछ स्कूली छात्रों के साथ, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष बिशन नारायण धर और भूपेन्द्र नाथ बोस और अंबिका चरण मजूमदार जैसे अन्य नेताओं की सभा के सामने गीत गाया.

इसके पीछे का इतिहास

इस गीत को इसके हिंदी संस्करण में संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था. 24 जनवरी, 1950 को प्रथम राष्‍ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने आधिकारिक रूप से ‘जन गण मन’ को राष्‍ट्रगान और ‘वंदे मातरम’ को राष्‍ट्रगीत घोषित किया. पर राष्‍ट्रगान से जुड़ा एक रोचक इतिहास है, जिसमें पहली बार आज ही के दिन यानी राष्ट्रगान 27 दिसंबर, 1911 को भारत का में कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था.

किसने लिखा था राष्ट्रगान 

राष्ट्रगान लिखने वाले देश के नोबल पुरस्कार प्राप्त राष्ट्रकवि गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर थे. उन्होंने वर्ष 1911 में ही इस गीत की रचना की थी. उन्होंने पहले राष्ट्रगान को बंगाली में लिखा था. बाद में आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में रूपांतरण किया था. 24 जनवरी 1950 को आजाद भारत की संविधान सभा ने इसे अपना राष्ट्रगान घोषित किया था. कविता के वैसे तो 5 पद थे.लेकिन इसके पहले पद को राष्ट्रगान के तौर पर लिया गया. रवींद्रनाथ टैगोर ने 1919 में ये गीत पहली बार आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज में गया था. तभी कॉलेज प्रशासन ने गीत को सवेरे की प्रार्थन के लिए स्वीकार कर लिया.

Also Read: Sub Inspector Salary: पुलिस सब इंस्पेक्टर की कितनी होती है सैलरी? यहां देखें पूरी डिटेल्स
‘जन गण मन’ कैसे बना राष्‍ट्रगान?

14 अगस्‍त 1947 को जब देश आजाद हुआ और उसी रात संविधान सभा पहली बार बैठी तो उसका समापन ‘जन गण मन’ से हुआ. 1947 में न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा (UNGA) की बैठक हुई. भारतीय प्रतिन‍िधिमंडल से देश का राष्‍ट्रगान बताने को कहा गया तो UNGA को ‘जन गण मन’ की रिकॉर्डिंग दी गई. दुनियाभर के प्रतिनिधियों के सामने, ऑर्केस्‍ट्रा पर ‘जन गण मन’ गूंजा और सबने इसकी धुन को सराहा. एक चिट्ठी में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस बात का जिक्र किया है.

Next Article

Exit mobile version