Sharad Purnima Kheer: शरद पूर्णिमा पर ऐसे बनाएं स्वादिष्ट खीर, मां लक्ष्मी को लगाएं भोग, जानें क्या है महत्व

आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस त्यौहार का बहुत महत्व है. पौमान्यता है कि इस दिन चांद अपनी सभी 16 कलाओं से भरा होता है, जिस वजह से चांद रात 12 बजे धरती पर अमृत बरसाता है. तो आइए इस शरद पूर्णिमा जानते हैं कैसे बनाई जाती है स्वादिष्ट खीर

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2021 5:52 PM

शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखने की परांपरा काफी पुरानी है. रात 12 बजे के बाद इस खीर को सबके बीच प्रसाद की तरह बांट दिया जाता है. माना जाता है कि खीर के इस प्रसाद का सेवन करने से व्यक्ति को कई रोगों से मुक्ति मिल जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन चंद्र देव अपनी सोलह कलाओं में दिखाई देते हैं. इसके अलावा कुछ लोकगीतों में इस त्यौहार को भगवान कृष्ण, देवी लक्ष्मी और इंद्र देव के साथ भी जोड़कर देखा जाता है.

मान्यता है कि चांद से इसमें अमृत वर्षा होती है और सुबह इस खीर को खाने से मां लक्ष्मी का कृपा बरसती है. आप भी चावल की खीर की इस रेसिपी के साथ घर पर इस बनाकर ट्राई कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं इसकी आसान रेसिपी के बारे में.

चावल की खीर बनाने के लिए सामग्री

  • 5 कप दूध (फुल क्रीम)

  • 1/4 कप चावल

  • 1/2 कप चीनी

  • 10-15 किशमिश

  • 4 हरी इलायची

  • 10-12 बादाम (टुकड़ों में कटे हुए)

चावल की खीर बनाने की वि​धि

  • सबसे पहले पैन में चावल और दूध को उबाल लें.

  • हल्की आंच पर तब तक पकाएं जब तक चावल पक न जाए और दूध गाढ़ा न हो जाए.

  • इसके बाद इसमें इलायची पाउडर, चीनी और किशमिश मिलाएं.

  • इसे लगातार तब तक चलाएं जब तक चीनी पूरी तरह न घुल जाए.

  • गार्निशिंग के लिए बादाम और पिस्ता का इस्तेमाल करें.

खीर का क्या है महत्व (Sharad Purnima Kheer Mahatva)

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव से कुछ ऐसी किरणें पृथ्वी पर आती हैं जो हमारे सभी बिमारियों को दूर कर देती हैं. इसलिए, इस दिन लोग स्वादिष्ट मीठी खीर बनाकर एक चांदी के कटोरे में डालकर खुले आसमान के नीचे रात भर के लिए रख देते हैं. ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर इस खीर को खा लेने से शरीर की गंभीर से गंभीर बीमारी भी दूर हो जाती है.

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