Jaya Kishori Quotes: पढ़े-लिखे घरों में क्यों घट रही हैं अमानवीय घटनाएं – जया किशोरी ने दिया सटीक जवाब

पढ़ें जया किशोरी के प्रेरणादायक विचार - इंसान को महान बनाने में शिक्षा नहीं, बल्कि अच्छे संस्कार निभाते हैं अहम भूमिका.

By Pratishtha Pawar | June 16, 2025 8:10 AM

Jaya Kishori Quotes: आज के दौर में पढ़ाई-लिखाई को सफलता और अच्छे इंसान बनने का मुख्य पैमाना माना जाता है. लेकिन जया किशोरी, जो युवाओं की प्रेरणा हैं, उन्होंने अपने एक विचार में यह स्पष्ट किया है कि इंसान की अच्छाई और उसका चरित्र केवल डिग्रियों से तय नहीं होता, बल्कि वह संस्कारों से बनता है.

उनका यह कथन आज के समाज के लिए आईना है, जहां उच्च शिक्षित परिवारों में भी ऐसी घटनाएं घट रही हैं, जो असंस्कारी और अमानवीय व्यवहार को दर्शाती हैं.

Jaya Kishori Quotes: जया किशोरी के विचार

प्रसिद्ध कथा वाचिका और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने अपने एक संबोधन में कहा:

“कोई भी सिर्फ पढ़ने-लिखने से इंसान नहीं हो जाता, ऊंचे पद पर बैठने से नहीं हो जाता है, अच्छे संस्कारों से होता है.”

-जया किशोरी

यह विचार स्पष्ट करता है कि शिक्षा का होना जरूरी है, लेकिन उससे भी अधिक जरूरी है अच्छे संस्कारों, नैतिक मूल्यों और व्यवहारिक ज्ञान का होना.

Inspirational Quotes by Jaya Kishori: समाज में घटती घटनाओं पर दिया जया किशोरी ने जवाब

Jaya kishori quotes

आज हम कई बार देखते हैं कि पढ़े-लिखे और संपन्न घरों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं, जो नैतिक पतन को दर्शाती हैं. चाहे वह बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार हो या घरेलू हिंसा, कई बार ऐसे अमानवीय कृत्य उन्हीं परिवारों में देखने को मिलते हैं जहां शिक्षा का स्तर ऊंचा है.

इसके उलट कई गरीब या अशिक्षित परिवारों में भी संस्कार और व्यवहारिकता का स्तर बहुत ऊंचा होता है. वहां पर बड़ों का सम्मान, आपसी प्रेम और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अधिक देखने को मिलता है.

Jaya Kishori on Values and Education: संस्कार ही असली शिक्षा है

जया किशोरी के अनुसार, संस्कार और मूल्य ही इंसान को बेहतर बनाते हैं, न कि केवल डिग्रियां और किताबों का ज्ञान. उन्होंने यह भी कहा कि आजकल माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजने के साथ यह मान लेते हैं कि वही सब कुछ सिखा देगा, जबकि असली शिक्षा तो घर से शुरू होती है.

घर का माहौल, माता-पिता का व्यवहार, और बुजुर्गों का आदर सिखाना ही बच्चों को अच्छे इंसान बनने की दिशा में ले जाता है.

इस विचार से हमें यह समझना होगा कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह संस्कारों के साथ जुड़ी हो. सिर्फ पढ़-लिख लेने से हम अच्छे इंसान नहीं बनते, हमें अपने व्यवहार, सोच और मूल्यों पर भी ध्यान देना होगा. जया किशोरी का यह विचार हर उस व्यक्ति को एक नई दिशा देता है जो सोचता है कि सिर्फ पढ़ाई ही सब कुछ है.

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