हिंदू धर्म में लाल जोड़ा हर दुल्हन की क्यों है पहली पसंद, जानें धार्मिक और मनोवैज्ञानिक कारण

Hindu Wedding Traditions: क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू शादी में दुल्हन लाल जोड़ा ही क्यों पहनती है? जानिए इस परंपरा के पीछे छिपे धार्मिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक कारण और कैसे यह रंग सौभाग्य, प्रेम और माता लक्ष्मी से जुड़ा है.

By Sameer Oraon | June 13, 2025 11:28 PM

Hindu Wedding Traditions: शादी का दिन हर लड़की के जीवन का सबसे यादगार पल होता है. यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक नई जिंदगी की शुरुआत होती है और इस खास मौके को परफेक्ट बनाने के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. कपड़ों की चॉइस से लेकर मेकअप तक, हर चीज में परफेक्शन चाहिए. लेकिन एक सवाल अक्सर मन में उठता है कि अधिकतर हिंदू धर्म में अधिकतर दुल्हनें लाल जोड़ा ही क्यों पहनती हैं? क्या यह सिर्फ एक परंपरा है या इसके पीछे कोई गहरा मतलब छिपा है?

लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा का संचार

हिंदू संस्कृति में रंगों का महत्व सिर्फ सजावट तक सीमित नहीं है. खासतौर पर लाल रंग, जिसे जीवन, शक्ति, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि शादी जैसे पवित्र बंधन में दुल्हन को लाल रंग पहनाया जाता है. माना जाता है कि यह रंग एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे नई जिंदगी की शुरुआत शुभ होती है.

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माता लक्ष्मी से जुड़ाव

आपने सुना होगा कि विवाह के बाद स्त्री को “घर की लक्ष्मी” कहा जाता है. यह केवल एक संबोधन नहीं, बल्कि मान्यता है कि दुल्हन घर में धन, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आती है. ठीक वैसे ही जैसे मां लक्ष्मी. चूंकि माता लक्ष्मी का प्रिय रंग भी लाल है और उनके अधिकतर स्वरूपों में वे लाल वस्त्रों में ही दर्शाई गयी हैं, इसलिए दुल्हन को भी इस रूप में सम्मान देने के लिए लाल जोड़ा पहनाया जाता है.

लाल रंग का मनोवैज्ञानिक असर

केवल धार्मिक ही नहीं, लाल रंग का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी बेहद खास है. यह रंग जुनून, ऊर्जा और प्रेम को दर्शाता है. यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, इसीलिए शादी जैसे समारोह में दुल्हन लाल रंग में सबसे अलग और खास नजर आती है. यही रंग नए रिश्ते की शुरुआत में आत्मविश्वास और गर्मजोशी लाता है.

ट्रेंड्स बदला, लेकिन लाल की चमक बरकरार

बेशक समय के साथ फैशन बदला है. आज की दुल्हनें पेस्टल, मरून, गोल्डन या गुलाबी जैसे रंगों के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही हैं. लेकिन लाल रंग की अपनी एक शान है, एक परंपरा है, और एक आस्था है, जिसे अब भी कई घरों में प्राथमिकता दी जाती है.

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