क्रोध नहीं, करुणा अपनाएं– श्रीमद्भगवद्गीता का अमूल्य संदेश

Gita Updesh: गीता का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और जीवन को सार्थक दिशा देता है. आज के समय में व्यक्ति अधीर होता जा रहा है, उसे बहुत जल्दी गुस्सा आने जाता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने क्रोध को आत्मविकास का सबसे बड़ा शत्रु बताया है.

By Shashank Baranwal | April 25, 2025 8:07 AM

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता एक गूढ़ आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो जीवन की गहराइयों को समझने का मार्ग दिखाता है. यह सिखाती है कि हमें अपने कर्तव्यों को निस्वार्थ भाव से करना चाहिए और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए. आज का इंसान बाहरी भौतिकता में उलझकर आंतरिक शांति खो चुका है. गीता आत्मज्ञान, संतुलन और ईश्वर में विश्वास के माध्यम से उसी शांति की ओर लौटने की प्रेरणा देती है. यह बताती है कि लालच आत्मिक प्रगति में बाधक है. गीता का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और जीवन को सार्थक दिशा देता है. आज के समय में व्यक्ति अधीर होता जा रहा है, उसे बहुत जल्दी गुस्सा आने जाता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने क्रोध को आत्मविकास का सबसे बड़ा शत्रु बताया है. गीता के अनुसार, क्रोध में फंसकर मनुष्य की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और जब बुद्धि नष्ट हो जाती है, तो वह विनाश का कारण बनती है.

इंद्रियों पर संयम रखें

भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि इंद्रियों की इच्छाओं पर नियंत्रण रखकर हम उन स्थितियों से बच सकते हैं जो क्रोध को भड़काती हैं.

यह भी पढे़ें- मोह को समाप्त करने का सरल मार्ग, अपनाएं भगवान श्रीकृष्ण के ये संदेश

यह भी पढ़ें- जब मन पर छा जाए लोभ का अंधकार, गीता है प्रकाश का मार्ग

स्वभाव को समझें

गीता उपदेश में कहती है कि गुणों के अनुसार व्यक्ति व्यवहार करता है. इसलिए दूसरों के स्वभाव को स्वीकार कर लेने से हम कम क्रोधित होते हैं.

निष्काम कर्म का अभ्यास करें

अपेक्षाओं से बंधे कर्म अक्सर क्रोध को जन्म देते हैं. जब हम बिना स्वार्थ के कार्य करते हैं, तो मन शांत रहता है.

ध्यान और आत्मचिंतन

गीता उपदेश आत्मज्ञान को क्रोध का समाधान मानती है. नियमित ध्यान से मन स्थिर होता है और प्रतिक्रियाएं नियंत्रित होती हैं.

यह भी पढ़ें- बाहरी रूप नहीं, आंतरिक गुण ही असली सुंदरता, गीता से सीखें चरित्र निर्माण की कला

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.