Gita Updesh: इन आदतों से बचें, वरना खो देंगे जीवन की शांति
Gita Updesh: भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को धर्म और कर्तव्य का उपदेश दिया, जो श्रीमद्भगवद्गीता में संकलित हैं. गीता आज भी जीवन का मार्गदर्शन करती है और सिखाती है कि व्यक्ति को बुराइयों से दूर रहकर धर्म, संयम और सम्मान के साथ जीवन जीना चाहिए.
Gita Updesh: भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान युद्धभूमि में अर्जुन को उपदेश देकर धर्म और कर्तव्य का बोध कराया, जो कि श्रीमद्भगवद्गीता में संकलित हैं. ये उपदेश आज भी जीवन के मार्गदर्शन के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. गीता में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनसे दूर रहकर मनुष्य अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकता है.
शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, मनुष्य को सदैव अपनी मेहनत से अर्जित धन का ही उपयोग करना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति छल-कपट या दूसरों की मेहनत से प्राप्त धन का उपभोग करता है, तो उसका प्रभाव उसके शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक पड़ता है. ऐसा धन स्थायी नहीं होता और व्यक्ति को निरंतर धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह धन व्यक्ति और उसके परिवार के लिए भी कष्टकारी बन सकता है.
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महिलाओं से न करें बुरा व्यवहार
भगवान कृष्ण ने गीता में महिलाओं के सम्मान का विशेष महत्व बताया है. जो व्यक्ति पराई स्त्री पर बुरी दृष्टि डालता है, वह पाप का भागी बनता है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह स्त्रियों का आदर और सुरक्षा करें.
यह बनेगा व्यक्ति के विनाश का कारण
इसी प्रकार, श्रीमद्भगवद्गीता में यह भी बताया गया है कि हिंसा करना भी पाप के अंतर्गत आता है. चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, हिंसा का परिणाम सदैव बुरा होता है. गीता के अनुसार हिंसक प्रवृत्ति अंततः व्यक्ति के विनाश का कारण बनती है.
इन चीजों का तुरंत करें त्याग
इसके अलावा, श्रीकृष्ण ने बताया कि ईर्ष्या, अहंकार और लालच मनुष्य के पतन के प्रमुख कारण हैं. ईर्ष्या दूसरों की उन्नति से दुःख देती है, अहंकार व्यक्ति को सत्य से दूर करता है और लालच अनंत इच्छाओं को जन्म देता है. इन तीनों का त्याग कर ही जीवन में सच्ची सफलता और शांति पाई जा सकती है. गीता हमें यह सिखाती है कि धर्म, मेहनत, संयम और सम्मान का पालन करने वाला ही जीवन में सच्चा सुख और प्रगति प्राप्त करता है.
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