Chaitra Purnima 2023: चैत्र पूर्णिमा कल तक, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और इस दिन का महत्व

Chaitra Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि अत्यधिक शुभ मानी जाती है. पूर्णिमा एक पूर्णिमा के लिए संस्कृत शब्द है. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है. इस दिन को चैती पुनार के नाम से भी जाना जाता है.

By Bimla Kumari | April 5, 2023 7:54 PM

Chaitra Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि अत्यधिक शुभ मानी जाती है. पूर्णिमा एक पूर्णिमा के लिए संस्कृत शब्द है. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है. इस दिन को चैती पुनार के नाम से भी जाना जाता है. पूर्णिमा के दिन का अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है.

Chaitra Purnima 2023: सत्यनारायण भगवान की पूजा

भगवान विष्णु की पूजा की महिमा के लिए भक्त इस दिन सत्यनारायण व्रत रखते हैं. यह दिन भगवान हनुमान की जयंती, हनुमान जयंती के उत्सव के साथ मेल खाता है. पूर्णिमा के दौरान लोग भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं, जो भगवान विष्णु के असाधारण दयालु रूप हैं, और सत्यनारायण उपवास का अभ्यास करते हैं.

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Chaitra Purnima 2023: तिथि और समय

चैत्र पूर्णिमा 2023: बुधवार, 5 अप्रैल 2023

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 04 अप्रैल 2023 को रात 11:49 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 06 अप्रैल 2023 को दोपहर 12:34 बजे

Chaitra Purnima 2023: व्रत विधि

  • चैत्र पूर्णिमा के इस शुभ दिन पर लोग जल्दी उठते हैं और भोर से पहले पवित्र स्नान करते हैं.

  • पवित्र दिन के बाद उपासक भगवान विष्णु और भगवान हनुमान की पूजा और प्रार्थना करते हैं.

  • सत्यनारायण व्रत रखने वाले भक्तों को सत्यनारायण कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए.

  • चैत्र पूर्णिमा के इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए दान भी करते हैं.

  • भगवद् गीता और रामायण की पवित्र पुस्तक को पढ़ना इस दिन करने के लिए महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है.

  • वे हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं क्योंकि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है.

  • उपवास सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्रमा के दर्शन के साथ समाप्त होता है.

  • शाम के समय भक्त को पूर्णिमा के उदय का दर्शन होता है और वह अपनी प्रार्थना और चंद्र देवता की पूजा करता है. इसके बाद प्रसाद का भोग लगाया जाता है.

चैत्र पूर्णिमा व्रत के लाभ

उपवास एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन उपवास करने से शरीर और मन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. पूर्णिमा उपवास के कुछ दूरगामी लाभों में शरीर के चयापचय को संतुलित करना, एसिड सामग्री को नियंत्रित करना, सहन शक्ति को बढ़ाना और पाचन तंत्र को साफ करना शामिल है. उपवास के माध्यम से मन और शरीर को आराम करने का अवसर मिलता है. पूर्णिमा के दिन की जाने वाली पूजा और प्रार्थनाओं के साथ मिलकर, पूर्णिमा उपवास पूरे मानव तंत्र को तरोताजा और रिचार्ज करता है और समृद्धि और खुशी प्रदान करता है.

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