World Blood Donor Day 2021: Vaccine लेने के कितने दिन बाद करना चाहिए Blood Donation, जानें रक्तदान के फायदे, किसे भूल कर भी नहीं चाहिए ये काम

World Blood Donor Day 2021, Covid Precautions, Blood Donation Health Benefits: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जून 2021, सोमवार को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है. रक्तदान से केवल दूसरों की जान ही नहीं बचाई जा सकती बल्कि खुद भी निरोग रहा जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इससे वजन कम होने से लेकर, कैलोरी घटाने, सुरक्षित लीवर, दिल संबंधित बीमारियां समेत कैंसर जैसे रोगों का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डॉ. हिमांशु (Dr. Himanshu, Critical Care Medicine) की मानें तो रक्तदान हमेशा सुरक्षित तौर पर करना चाहिए. गलती से भी एचआईवी, हेपेटाइटिस या अन्य रोग वाले लोग रक्तदान न करें. तो आइए जानते हैं कि रक्तदान के फायदे, शरीर में कितनी मात्रा में होना चाहिए खून, ब्लड डोनेट किन्हें नहीं करना चाहिए, वैक्सीन लेने के बाद करना चाहिए या नहीं...

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2021 7:37 AM

World Blood Donor Day 2021, Covid Precautions, Blood Donation Health Benefits: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जून 2021, सोमवार को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है. रक्तदान से केवल दूसरों की जान ही नहीं बचाई जा सकती बल्कि खुद भी निरोग रहा जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इससे वजन कम होने से लेकर, कैलोरी घटाने, सुरक्षित लीवर, दिल संबंधित बीमारियां समेत कैंसर जैसे रोगों का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डॉ. हिमांशु (Dr. Himanshu, Critical Care Medicine) की मानें तो रक्तदान हमेशा सुरक्षित तौर पर करना चाहिए. गलती से भी एचआईवी, हेपेटाइटिस या अन्य रोग वाले लोग रक्तदान न करें. तो आइए जानते हैं कि रक्तदान के फायदे, शरीर में कितनी मात्रा में होना चाहिए खून, ब्लड डोनेट किन्हें नहीं करना चाहिए, वैक्सीन लेने के बाद करना चाहिए या नहीं…

कौन कर सकता है रक्तदान?

कोई भी 18 साल से ऊपर उम्र का व्यक्ति रक्तदान कर सकता हैं. लेकिन, उनका वजन 45 से 50 किलो से कम बिल्कुल नहीं होना चाहिए.

 रक्तदान के समय क्या रखना चाहिए ध्यान?

  • डॉ. हिमांशु के अनुसार रक्तदान वैसे व्यक्ति ही करें जिन्हें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, कोरोना समेत अन्य रोग न हो.

  • इसके अलावा हाल फिलहाल में कोई बड़ी सजर्री न हुई हो

  • मलेरिया, थैलेसीमिया से पीड़ित लोग या शरीर में जिनका हिमोग्लोबिन पहले से ही कम है उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए

  • इसके अलावा जिन्हें एक साल के भीतर रेबीज का इंजेक्शन पड़ा है उन्हें भी रक्तदान करने से परहेज करना चाहिए.

  • कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके मरीज एक महीने बाद बल्ड डोनेट कर सकते हैं.

  • डॉ. हिमांशु बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन के पहले डोज के दो हफ्ते या दूसरे डोज के भी दो हफ्ते बाद ही करना चाहिए.

  • आपके शरीर में आयरन की मात्रा कम न हो. आयरन की पूर्ति मछली, किशमिश, बींस, पालक समेत अन्य खाद्य सामग्रियों के सेवन से हो सकती है.

  • रक्तदान करते समय पहले से इस्तेमाल में लाया गया नीडल का प्रयोग नहीं करना चाहिए

  • रक्तदान से पहले या बाद में कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे शरीर कमजोर हुआ हो, नींद भी भरपूर मात्रा में लेनी चाहिए

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क्या-क्या है रक्तदान के फायदे?

  • दिल के सेहत के लिए जरूरी: रक्तदान करते हुए शरीर में खून का थक्का नहीं जमता है. इससे शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू ढंग से होता है. जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है.

  • वजन के लिए जरूरी: रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा रक्त प्रवाह के तेज होने से कम हो जाती है. ऐसे में साल में दो से तीन बार कम से कम रक्तदान करने की सलाह दी जाती है. यह हमारे वजन को कम करने में मददगार होता है.

  • कैलोरी घटाने में असरदार: विशेषज्ञों की माने तो हमारे शरीर से 650 कैलोरी केवल डेढ़ पाऊ रक्त दान करने से कम हो सकती है. अतः रक्तदान कैलोरी घटाने के लिए भी रक्तदान किया जा सकता है.

  • लीवर के सेहत के लिए: विशेषज्ञों की मानें तो लीवर पर सबसे ज्यादा आयरन का दबाव ही पड़ता है ऐसे में आयरन की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए हमें ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए. अतः यह लीवर से संबंधित समस्याओं को समाप्त करता है.

  • कैंसर के लिए: यदि रक्त का प्रवाह सही ढंग से होता रहे और शरीर में आयरन की मात्रा बैलेंस रहे तो हमारा लीवर स्वस्थ्य रूप से कार्य करता है. ऐसे में कैंसर का खतरा ना के बराबर हो जाता है.

शरीर में कितनी होनी चाहिए खून की मात्रा?

विशेषज्ञों की माने तो किसी भी व्यक्ति में खून की मात्रा उसके वजन, उम्र, लिंग, स्वास्थ्य के आधार पर होता है. ऐसे में 70 से 80 किलो वजन वाले एक व्यस्क व्यक्ति में 5 लीटर रक्त होता है. वहीं महिलाओं में इसकी मात्रा कम होती है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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