Summer Tips: गर्मी में नन्हे-मुन्नों का रखें खास ख्याल, डिहाइड्रेट होने से ऐसे बचाएं

Summer Tips: छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से वे बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं, जबकि बढ़ती गर्मी कई तरह की बीमारियां लेकर आती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2022 5:50 PM

Summer Tips: गर्मी ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे न सिर्फ बड़े, बल्कि नन्हे-मुन्ने बच्चे भी परेशान हो रहे हैं. नवजात के लिए तो गर्मियों का मौसम कई नयी चुनौतियां लेकर आता है. पसीना आने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है, जिससे पाचन और त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं.

हालांकि, तीन वर्ष से छोटे बच्चों में पसीने के ग्लैंड्स बहुत कम होती हैं, जिससे उन्हें पसीना काफी कम आता है, लेकिन उनका सिर, हथेलियां और तलवे काफी गर्म होते हैं, जिनसे बच्चे अपने शरीर की हीट रिलीज करते हैं और शरीर कूल रहता है. फिर भी गर्मी की मार से बच्चों को बचाने के लिए पेरेंट्स को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना वे बहुत जल्दी बीमार हो सकते हैं.

छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से वे बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं, जबकि बढ़ती गर्मी कई तरह की बीमारियां लेकर आती हैं. ऐसे में बच्चे को गर्मी से परेशानी न हो, इसलिए अभिभावकों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

बच्चों को डिहाइड्रेट होने से बचाएं

छह महीने से छोटे बच्चों में पानी की कमी दूध से पूरी होती है. इम्युनिटी कमजोर होने के कारण उनमें पानी से इन्फेक्शन होने की संभावना रहती है. लिहाजा गर्मियों में उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए मां का दूध या फार्मूला मिल्क ज्यादा-से-ज्यादा देना बेस्ट है. बच्चे को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए मां को खुद भी पर्याप्त मात्रा में (8-10 गिलास) पानी जरूर पीना चाहिए, ताकि ब्रेस्ट फीड में पानी की कमी न हो.

अक्सर मम्मियां ब्रेस्ट फीड कराते समय शुरू में आने वाले दूध को पानीयुक्त पतला मानकर निकाल देती हैं, जबकि बच्चे में पानी की कमी को पूरा करने वाला यह दूध गर्मियों में बच्चे के लिए काफी फायदेमंद होता है. बच्चे के शरीर में पानी की कमी चेक करने के लिए यूरिन आउटपुट पर भी नजर रखनी चाहिए.

यानी अगर वह दिन में 8-10 बार यूरिन करता है, तो उसके शरीर में पानी की कमी नहीं है. इसके अलावा बच्चे के होंठ और स्किन ड्राइ न होकर नमीयुक्त होने चाहिए.

छह महीने के बाद बच्चे को पानी देना शुरू कर दिया जाता है. गर्मियों में उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर बच्चा सादा पानी पीने में आनाकानी करता है, तो उन्हें नीबू पानी, नारियल पानी, शेक, छाछ, फ्रूट-जूस, शर्बत, स्मूदी बनाकर पिला सकते हैं और मौसमी ताजे फल ज्यादा-से-ज्यादा खाने को दें. लेकिन, जहां तक हो सके इनमें चीनी सीमित मात्रा में ही रखें, ताकि आगे जाकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं न हों. बाहर जाते हुए वाटर बोतल जरूर देनी चाहिए, जिससे किसी तरह के इन्फेक्शन का खतरा न हो.

  • 6 महीने व उससे कम उम्र वाले बच्चों की इम्युनिटी होती है कमजोर.

  • 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को नहीं निकालना चाहिए धूप में घर से बाहर.

  • 25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान बच्चे को कर सकता है परेशान.

डॉ सुरभि गुप्ता

बाल रोग विशेषज्ञ

जयपुर गोल्डन अस्पताल

दिल्ली

Next Article

Exit mobile version