इलाज के साथ भी और इलाज के बाद भी बेहद जरूरी है भरपूर पौष्टिक आहार, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ अरुण शर्मा कहते हैं कि कोरोना से ग्रस्त लोगों को बीमारी से उबरने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत पड़ती है. उन्हें प्रोटीन और कैलोरीयुक्त भरपूर पौष्टिक आहार जैसे दूध, पनीर, दाल, अंडे, लीन मीट आदि का सेवन करना चाहिए. साथ ही, उन्हें मिक्रोनुट्रिएंट्स जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक जो हरी सब्जियों और फलों आदि का भी सेवन करना चाहिए.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2021 10:43 AM

Nutritious diet after corona treatment : साधारण बोलचाल की भाषा में भरपूर पौष्टिक आहार कोरोना वायरस का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. आम तौर पर कोरोना संक्रमितों के इलाज के दौरान चिकित्सकों द्वारा भरपूर पौष्टिक आहार देने की सलाह दी जाती है, चाहे कोई अपने घर पर आइसोलेट रहकर इलाज करा रहा हो या फिर अस्पताल में. हर हाल में पौष्टिक आहार को कोरोना इलाज में सबसे अधिक कारगर माना जाता है, लेकिन विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि केवल कोरोना के इलाज के समय ही पौष्टिक आहार देने भर से काम नहीं चल जाएगा. आइए जानते हैं कि कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट और जोधपुर स्थित आईसीएमआर की संस्थान एनआईआईआरएनसीडी के निदेशक डॉ अरुण शर्मा क्या सुझाव देते हैं…

कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ अरुण शर्मा कहते हैं कि कोरोना से ग्रस्त लोगों को बीमारी से उबरने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत पड़ती है. उन्हें प्रोटीन और कैलोरीयुक्त भरपूर पौष्टिक आहार जैसे दूध, पनीर, दाल, अंडे, लीन मीट आदि का सेवन करना चाहिए. साथ ही, उन्हें मिक्रोनुट्रिएंट्स जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक जो हरी सब्जियों और फलों आदि का भी सेवन करना चाहिए.

थोड़े-थोड़ वक्त पर भोजन करने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

डॉ शर्मा ने कहा कि आम तौर पर कोरोना का मरीज अक्सर अपनी स्वाद और सूंघने की क्षमता खो देता है. ऐसे में उसे किसी भी प्रकार के भोजन का स्वाद नहीं मिलता. इलाज के दौरान दवाओं और बुखार की वजह से भी उन्हें भोजन करने की इच्छा नहीं होती, लेकिन थोड़े-थोड़े वक्त कुछ खाते रहने से शरीर में बीमारी से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है.

तरल पदार्थ के सेवन से ब्लड क्लॉटिंग का नहीं रहता है खतरा

उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरनाक वायरस रोगी के रक्त को गाढ़ा कर सकता है, जिससे खून में क्लॉट्स बनने की आशंका रहती है. ये क्लॉट्स स्ट्रॉक का कारण भी बन सकते हैं. इससे मस्तिष्क में ब्लीडिंग होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आवश्यक है कि मरीज काफी मात्रा में तरल पदार्थों जैसे फलों का रस, पानी, नारियल पानी आदि का सेवन करें.

बीमारी से उबरने पर पौष्टिक आहार लेने के फायदे

इतना ही नहीं, डॉ शर्मा आगे कहते हैं कि कोरोना के मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ हो जाने के बावजूद उनके शरीर में कमजोरी आ जाती है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि केवल बीमारी के इलाज के वक्त ही नहीं, बल्कि उसके बाद भी कुछ हफ्तों तक कोरोना को मात देने वाले पौष्टिक आहार और तरल पदार्थ पहले की ही तरह लेते रहें. ऐसा करने से उनके शरीर की कमजोरी तो दूर होती ही है. साथ ही, उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी होता है.

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Posted by : Vishwat Sen

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