Monkeypox: क्या है मंकीपॉक्स ? इस बीमारी के बारे में जान लें ये 10 जरूरी फैक्ट्स

Monkeypox: वर्तमान समय में मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है. मंकीपॉक्स के लक्षण बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स हैं और इससे कई तरह की मेडिकल कॉम्पलिकेशन्स हो सकती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2022 10:38 AM

Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों जैसे लक्षण होते हैं. वैसे तो इसका कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन मेडिकली यह कम गंभीर है यानी ज्यादातर मामलों में यह बीमारी जानलेवा नहीं है. लेकिन फिलहाल हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है.

मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है

वर्तमान समय में मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है. मंकीपॉक्स मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका में होता है, जो अक्सर उष्णकटिबंधीय वर्षावनों (tropical rainforests) के निकट होता है और वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में तेजी से दिखाई दे रहा है.

मंकीपॉक्स के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानें

  • मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) के कारण होता है, जो फैमिली पॉक्सविरिडे में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक मेंबर है.

  • मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है.

  • यह मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों (tropical rainforests) में होता है.

  • मंकीपॉक्स के लक्षण बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स हैं और इससे कई तरह की मेडिकल कॉम्पलिकेशन्स हो सकती हैं.

  • मंकीपॉक्स आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रहता है.

  • इस मामले के कारण डेथ रेसियो लगभग 3-6% रहा है.

  • मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति के घावों, शरीर के पसीने, रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स और बिस्तर, कपड़े जैसे चीजों के निकट संपर्क से फैलता है.

  • मंकीपॉक्स का इलाज चेचक के समान किया जाता है.

  • मंकीपॉक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर है.

  • चेचक के टीके भी मंकीपॉक्स से सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं.

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मंकीपॉक्स के बारे में विशेषज्ञों की राय

ब्रिटेन की हेल्थ प्रोटेक्शन एजेंसी (यूकेएचएसए) के विशेषज्ञों के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो ज्यादातर चूहों और बंदरों से इंसानों में फैलता है. संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है, जिसमें वेरियोला वायरस, वैक्सीनिसा वायरस और काउपॉक्स शामिल है. स्वास्थ्य एजेंसी अनुसार, मंकीपॉक्स की खोज पहली बार वर्ष 1958 में हुई थी, जब शोध के लिए रखी गयी बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप हुए, जिससे इस बीमारी का नाम ‘मंकीपॉक्स’ (Monkeypox) पड़ा. जबकि, मनुष्य में ट्रांसमिशन का पहला मामला वर्ष 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दर्ज किया गया था.

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