क्या दूध नुकसान भी करता है? किन लोगों को डेयरी प्रोडक्ट से रहना चाहिए दूर

side effects of drinking milk दूध हमारे आंतरीक आहार का हिस्सा है. इसे भारतीय भोजन का अहम हिस्सा भी माना गया है. कई औषधीय गुणों के कारण इसे डॉक्टर भी दवा के रूप में प्रतिदिन पीने की सलाह देते हैं. इसमें प्रोटीन, कैलशियम, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 12, और विटामिन डी, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि बचपन से जिस दूध का सेवन आप करते आए हैं, वह कई मामलों में नुकसानदायक भी है.

By SumitKumar Verma | April 27, 2020 10:27 AM

side effects of drinking milk दूध हमारे आंतरीक आहार का हिस्सा है. इसे भारतीय भोजन का अहम हिस्सा भी माना गया है. कई औषधीय गुणों के कारण इसे डॉक्टर भी दवा के रूप में प्रतिदिन पीने की सलाह देते हैं. इसमें प्रोटीन, कैलशियम, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 12, और विटामिन डी, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि बचपन से जिस दूध का सेवन आप करते आए हैं, वह कई मामलों में नुकसानदायक भी है.

इससे पहले आपको जानना चाहिए दूध के स्त्रोत के बारे में

दूध या दुग्ध उत्पादों के विभिन्न स्रोत है, जिसमें गाय, भेड़, ऊंट, बकरी और कई अन्य शामिल हैं. लेकिन, हम आपको बताने जा रहे है गाय के दूध पीने के लाभ और नुकसान के बारे में.

इसमें पाए जानें वाले पोषण तत्व

244 ग्राम दूध या एक कप दूध में 3.54 से 3.8% फैट पाया जाता है

इसमें 149 कैलोरी

7.9 ग्राम वसा

7.7 ग्राम प्रोटीन

12.3 ग्राम शक्कर

276 मिलीग्राम में कैल्शियम

205 मिलीग्राम फास्फोरस

322 मिलीग्राम पोटेशियम

3.2 माइक्रोग्राम विटामिन डी होती है

वहीं, 244 ग्राम नोनफेट या स्किम दूध में

83 कैलोरी

0.2 ग्राम वसा

8.2 ग्राम प्रोटीन

12.4 ग्राम शक्कर

298 ग्राम कैल्शियम

246 मिलीग्राम फास्फोरस

381 मिलीग्राम पोटेशियम

2.9 एमसीजी विटामिन डी पाए जाते हैं.

आपको बता दें कि दोनों प्रकार के दूध में कोलीन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी -6, विटामिन बी -12, फोलेट, और कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते है.

दूध में मौजूद कैल्शियम हमारे शरीर के कई हिस्सों को स्वस्थ रखता है. यह हमारे

– स्वस्थ हड्डियों और दांतों का विकास और देखभाल करता है

– रक्त के थक्के और घाव भरने में मदद करता है

– रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मददगार है

– दिल की धड़कन सहित मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करता है

– ऑफिस ऑफ डाइटरी सप्लीमेंट्स (ODS) के अनुसार, यह कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मददगार है

विटामिन डी के साथ कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों खाने से पोषक तत्वों की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है. कैल्शियम में मौजूद कोलीन हमारे मांसपेशियों को क्षति होने से बचाता है

पोटेशियम शरीर में मौजूद कई बीमारियों को समाप्त करने में मददगार है.

– यह, आघात

– दिल की बीमारी,

– उच्च रक्तचाप,

– मांसपेशियों का नुकसान,

– खनिज घनत्व का नुकसान

– पथरी समेत अन्य रोगों से शरीर की रक्षा करता है

विटामिन डी से फायदा

– विटामिन डी हड्डियों के निर्माण, वृद्धि और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण होता है.

– यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है देने, दिल के स्वास्थ्य में सुधार और कैंसर से बचाने के साथ जुड़ा हुआ है.

– ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचाता है

– विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की रोशनी को माना गया है. खाद्य पदार्थों में ज्यादातर यह तत्व नहीं पया जाता है. इसलिए दूध खास है, क्योंकि इसमें विटामिन डी की प्रचुर मात्रा होती है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो दूध इन मामलों में फायदेमंद है

– यह हमारे हड्डियों को स्वस्थ करता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी रोकने में मददगार है

– इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण के कारण यह मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखता है.

– ज्यादा मात्रा में इसमें पोटेशियम और कम मात्रा में सोडियम मौजूद है जो रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है

– पर्याप्त मात्रा में मौजूद विटामिन डी शरीर में सेरोटोनिन का उत्पादन करता है, जो एक तह का हार्मोन है. यह हमारे मूड, भूख और नींद को व्यवस्थित करता है. जिसके कारण हमें डिप्रेशन नहीं होता.

– दूध प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर के मांसपेशियों की मरम्मत और विकास करता है. जिससे हमें दुबलेपन से मुक्ति मिलती है.

– पर्याप्त मात्रा में मौजूद प्रोटीन घाव भरने में भी मददगार है

– जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उन्हें स्किम या कम वसा वाले दूध पीना चाहिए

एक अंग्रेजी वेबसाइट medical news today के अनुसार जानें कैसे और किन मरीजों के लिए दूध नुकसानदायक साबित हो सकता है

– दूध में मौजूद एस्ट्रोजन और हार्मोन बढ़ाने की क्षमता कुछ लोगों को प्रभावित कर सकता है

– कुछ शोध की मानें तो दूध का अधिक सेवन डिम्बग्रंथि के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.

– एक दूध एलर्जी लैक्टोज असहिष्णुता से अलग है. यदि दूध एलर्जी वाला व्यक्ति दूध पीता है, तो उनके पास एक असामान्य प्रतिरक्षाविज्ञानी प्रतिक्रिया होगी, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इम्युनोग्लोबुलिन ई जैसे एलर्जी एंटीबॉडी का उत्पादन करती है.

– दूध से कई लोगों को एलर्जी हो सकती है, जो एनाफिलेक्टिक सदमे के रूप में बदल सकता है

कई लोगों को दूध पीने से

उल्टी

दस्त

हीव्स

मल में खून जैसी समस्या हो जाती है. अत: डॉक्टर से परामर्श लेकर ही पिएं. दूध से एलर्जी वाले लोगों को दूध और डेयरी उत्पादों से बचना चाहिए.

– लैक्टोज की समस्या वाले मरीजों के दूध का सेवन करने से सूजन, पेट फूलना या दस्त जैसी बीमारियां हो सकती है.

– कैसिइन, दूध में पाए जाने वाला एक तरह का प्रोटीन है जो पाचन तंत्र और पूरे शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है. अत: ऐसे लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

– द कम्प्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडीज की मानें तो किसी भी खट्टे फल के साथ दूध को मिलाकर नहीं सेवन करना चाहिए. इन फलों में आम, खरबूजे समेत अन्य शामिल हैं, जिन्हें दूध के अलावा दही के साथ भी नहीं सेवन करना चाहिए.

– अगर आपको साइनस, सर्दी, खांसी, एलर्जी, पित्ती जैसी अन्य बीमारी है तो भूल के भी दूध को केले के साथ घोल कर या मिल्कशेक बनाकर नहीं पिएं.

– अगर आप फ्लू या कोल्ड से रहते है परेशान, तो भूल के भी ठंडा दूध न पिएं क्योंकि यह आपकी इस बीमारी को और बढ़ा सकती है.

– दूध में मिठास के लिए चीनी नहीं डालें क्योंकि चीनी से कैलशियम नष्ट हो जाता है. अगर डालना ही है तो शहद, मुनक्का या मिस्री डालकर पिएं.

– जिन्हें पित्ताशय की समस्या है वे भूल के भी हल्दी वाला दूध न पिएं क्योंकि पीना इससे स्टोन बढ़ सकता है.

– अगर हाल फिलहाल में आपकी सर्जरी हुई है तो हल्दी वाला दूध आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसे पीने से आपको ब्लीडिंग हो सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो इससे खून पतला हो जाता है ब्लड सर्कुलेशन के लिए तो सही है मगर प्रेग्नेंसी या किसी भी सर्जरी के दौरान पीना घातक हो सकता है.

– ब्लड प्रैशर के मरीज हैं या डायबिटीज़ के तो इसका सेवन आपके ब्लड प्रेशर को और लो कर सकता है. वहीं, दूध शुगर को रेग्युलेट करके डायबिटीज़ का खतरा और बढ़ा सकता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.