सर्दी के मौसम में कान में दर्द, इनफेक्शन का खतरा ज्यादा, जानें कारण, लक्षण, इससे बचने के लिए क्या करें?

सर्दियों में कान में इंफेक्शन होना आम बात है. यह संक्रमण किसी खास एज ग्रुप वालों में हो ऐसा जरूरी नहीं है यह किसी को भी हो सकता है. कुछ लोगों को कान के बीच में या कान के अंदर के हिस्से में संक्रमण हो जाता है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है और इस वजह से सूजन तक हो जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2023 11:03 AM

ठंड में वायरस और बैक्टीरिया पनप सकते हैं, इसलिए फ्लू और वायरल संक्रमण होने की संभावना अधिक हो जाती है. और इसका असर कानों पर भी पड़ सकता है. ऐसे में कान में सूजन आ सकती है. इससे जलन होती है और फंसे हुए बैक्टीरिया कान में संक्रमण पैदा कर सकते हैं. गले में खराश या Respiratory Infection के कारण भी Ear Infectionहो सकता है. चूंकि कान के संक्रमण गले और नाक के संक्रमण से जुड़े होते हैं, ऐसे में साइनसाइटिस भी कान के इंफेक्स के रिस्क को बढ़ा सकता है.

सर्दियों में कान में जल्दी ठंड लग सकती है

कान में बहुत कम इंसुलेटिंग फैट होता है, इसलिए कान में जल्दी ठंड लग सकती है. इसके अलावा, ठंडे तापमान कान के दर्द और संक्रमण में वृद्धि कर सकते हैं. कान की उचित सुरक्षा के बिना ठंड में बाहर समय बिताने से बहरापन तक हो सकता है. यदि आपके कान नियमित रूप से कम तापमान के संपर्क में आते हैं, तो कान में एक्सोस्टोसिस की समस्या हो सकती है, यह कान में एक प्रकार की हड्डी की वृद्धि है जो कान के हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है. यह कान की नलिका को संकरा कर देता है जिससे पानी, कान का मैल और मलबा बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है, जिससे कान में संक्रमण याह बहरापन जैसी समस्या हो सकती है.

कान में संक्रमण के लक्षण

कान के संक्रमण के दौरान अनुभव किए जा सकने वाले सामान्य लक्षण सिरदर्द और कान में दर्द हैं. सूजन भी आ सकती है. आपको चक्कर आने का भी अनुभव हो सकता है. अन्य मामलों में, कान से कुछ रिसने जैसा अनुभव हो सकता है. गंभीर मामलों में कान में सुनाई देने में पारेशानी जैसी समस्या हो सकती है.

सर्दियों में कान के संक्रमण को कैसे रोकें?

इस बात का ध्यान रखें कि जब आप ठंड में बाहर जाते हैं तो आपके कान ढके हों. उन्हें गरम रखें. इसके लिए आप ईयर मफ या हेडबैंड पहन सकते हैं.

नियमित रूप से स्नान करें

नियमित रूप से स्नान करें और अपने कानों को साफ करें. साथ ही नहाने के बाद अपने कानों को जरूर सुखाएं. इससे बैक्टीरिया में वृद्धि नहीं होगी और कान में संक्रमण भी नहीं होगा.

कॉटन बड्स या स्वैब से अपने कान साफ न करें

कॉटन बड्स या स्वैब से अपने कानों को साफ करने से बचें. ठंड से बचाने के लिए कानों में रुई लगाना भी सही नहीं है क्योंकि इसकी वजह से आपके कान में सूजन हो सकता है.

एलर्जी से बचें

इस बात का ध्यान रखें कि आपको कोई एलर्जी न हो, ताकि आपकी यूस्टेशियन ट्यूब जाम न हो.

सर्दी या फ्लू के मरीजों से दूर रहें

सर्दी या फ्लू से पीड़ित लोगों से सुरक्षित दूरी पर रहें. यदि आप इनके संपर्क में आते हैं तो अपनी आंखों, कानों और नाक को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोयें.

धूम्रपान से भी कान मं इंफेक्शन का खतरा

धूम्रपान से बचें क्योंकि इससे भी कानों में इफेक्शन का खतरा रहता है.

सर्दियों में जुकाम कम होगी तो संक्रमण भी कम होगा

सर्दी में आपको जुकाम जितनी कम होगी, आपके कान में संक्रमण होने की संभावना उतनी ही कम होगी. लेकिन यदि संक्रमण हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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