Tu Meri Main Tera Main Tera Tu Meri Review :रोमांस,इमोशन सबकुछ है नदारद
कार्तिक और अनन्या की फिल्म "तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी" देखने की प्लानिंग है तो इससे पहले पढ़ लें यह रिव्यु
फिल्म – तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी
निर्माता -धर्मा प्रोडक्शन
निर्देशक -समीर विद्वांस
कलाकार – कार्तिक आर्यन, अनन्या पांडे,जैकी श्रॉफ,नीना गुप्ता
प्लेटफार्म -सिनेमाघर
रेटिंग -दो
tu meri main tera main tera tu meri review:रोमांटिक फिल्में हमेशा से ही हिंदी सिनेमा की पसंदीदा जॉनर रही हैं. बदलते वक़्त के साथ इसमें एक्सपेरिमेंट होते रहे हैं.आज रिलीज हुई फिल्म” तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी” जेन जी में निजी जिंदगी बनाम माता पिता से जुड़ी जिम्मेदारियों को दर्शाती है.फिल्म बस कांसेप्ट भर ही अच्छी रह गयी है. इस रोमांटिक फिल्म में रोमांस, इमोशन ,किरदारों में गहराई से लेकर केमिस्ट्री तक सबकुछ नदारद है. जिस वजह से टंग ट्विस्टर नाम वाली यह फिल्म पूरी तरह से समय की बर्बादी है.
निजी जिंदगी बनाम अपनों के जिम्मेदारी वाली है कहानी
फिल्म की कहानी अमेरिका में रहने वाले रे (कार्तिक आर्यन )और आगरा की रूमी (अनन्या पण्डे )की है. अब तक की कई फिल्मों की तरह ये दोनों सोलो ट्रिप पर क्रोएशिया गए हुए हैं. डीडीएलजे से लेकर दर्जन भर फिल्मों की तरह जहां उनकी मुलाक़ात शुरूआती नोंक झोक से शुरू होती है. दस दिन के इस ट्रिप में आठ दिन में ही नोंक झोक पहले दोस्ती फिर प्यार में बदल जाता है.ऐसा वैसा प्यार नहीं बल्कि सच्चा प्यार.बात शादी तक पहुंचती लेखक ने कहानी में कनफ्लिक्ट डाल दिया. रूमी के पिता (जैकी श्रॉफ )के अचानक एक्सीडेंट की वजह से रूमी को ट्रिप बीच में छोड़कर ही आगरा वापस लौटना पड़ता है और यह बात भी सामने आती है कि रूमी पर अपने पिता की जिम्मेदारी है. उसके आर्मी मैन पिता को भारत और अपना घर नहीं छोड़ना है क्योंकि उस घर से उसकी पत्नी की यादें जुड़ी हुई हैं.उधर रे अपनी माँ (नीना गुप्ता )को नहीं छोड़ सकता है, जो अमेरिका में रहती है.रे और रूमी का प्यार अपने अपने माता पिता की जिम्मेदारियों के बीच क्या बच पाएगा या प्यार खत्म हो जायेगा. कैसे रे और रूमी एक होंगे.यही आगे की कहानी है.
फिल्म की खूबियां
फिल्म की कहानी का मूल कांसेप्ट अच्छा है जिसमें अपने प्यार के बजाय माता पिता से जुड़ी जिम्मेदारियों को महत्व दिया गया है लेकिन कहानी और स्क्रीनप्ले उसके साथ न्याय नहीं कर पाता है. यह धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म है तो फिल्म के लुक में सबकुछ परफेक्ट होना ही है. क्रोएशिया से लेकर आगरा तक की खूबसूरती परदे पर मोहती है.धर्मा प्रोडक्शन की फिल्में शादियों से जुड़े फंक्शन्स के बिना अधूरी हैं और पुराने गाने भी बजने ही हैं तो यह फिल्म भी इससे अछूती नहीं है.जो परदे पर अच्छा बन पड़ा है.विशाल शेखर का गीत संगीत कहानी के साथ न्याय करता है. कार्तिक आर्यन हैं तो डांस मूव्स भी खास होने ही हैं.कुलमिलाकर सिनेमेटोग्राफी और कोरियोग्राफी फिल्म की अच्छी है.
फिल्म की खामियां
फिल्म की खामियों की बात करें तो वह स्क्रिप्ट लेवल से ही शुरू हो गयी हैं. फिल्म कई फिल्मों की झलक लिए हुए है. दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे,तमाशा से लेकर रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की याद दिलाता है.इसके अलावा भी कई लव स्टोरी फिल्मों की. रे और रूमी के बीच प्यार क्यों हुआ. यह बात फिल्म देखते हुए समझ ही नहीं आती है. रे ,रूमी की किताब को 4 रेटिंग देता है. क्या ये प्यार की वजह थी.साफ़ शब्दों में कहें तो इस लव स्टोरी फिल्म में वह प्यार ही नहीं है। जो यूएस बेस्ड रे को आगरा में बसने को मजबूर कर दे.रही सही कसर फिल्म के संवाद करते हैं.”मेरे बाप की मौत के बाद ही हम शादी कर सकते हैं” इस तरह के संवाद फिल्म को और कमजोर बनाते हैं.वो आदमी ही क्या जो अपनी पसंदीदा औरत के लिए कुर्बानी ना दे.फिल्म के सब प्लॉट्स अधपके से हैं.रूमी की बहन का टिंडर वाला ट्रैक हो या पडोसी गौरव पांडे का रूमी को एक तरफ़ा चाहना यह सब कहानी में कुछ खास नहीं जोड़ते हैं.फिल्म में रे और रूमी का किरदार बेहद बेफिक्र नज़र आता है खासकर रूमी का.वह फिर अचानक से सेकेंड हाफ में इतना जिम्मेदार कैसे बन जाता है. इसको भी सही तरह से दर्शा नहीं पायी है.रूमी का फेमिनिज्म भी फेक लगता है.फिल्म के एक संवाद में बुक लिखने के लिए चैटजीपीटी के इस्तेमाल की बात हुई है.इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में जिस तरह से इमोशन की कमी है लगता है कि यह फिल्म चैटजीपीटी के इस्तेमाल से ही लिखी हुई है.फिल्म सिर्फ क्रोएशिया टूरिज्म और लैक्मे के प्रोडक्ट का प्रचार सही ढंग से कर पायी है.
कलाकारों को नहीं था करने को कुछ खास
अभिनय की बात करें तो अभिनेता कार्तिक आर्यन की कोशिश अच्छी है.वह इस कमजोर स्क्रिप्ट और संवाद वाली फिल्म को अपने अभिनय से कम बोझिल बनाते हैं. अनन्या पांडे भी अपनी भूमिका में न्याय करती हैं हालाँकि दोनों इमोशनल वाले दृश्यों में वह थोड़ी कमजोर रह गयी हैं.जैकी श्रॉफ,नीना गुप्ता सहित बाकी के किरदारों के लिए करने को कुछ खास नहीं था.
