Mastiii 4 Box Office Records: दो दिनों में ‘मस्ती 4’ का बॉक्स ऑफिस पर धमाका, तोड़ डाले 11 फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन, पूरी रिपोर्ट देखें

Mastiii 4 Box Office Records: मस्ती 4 ने दो दिनों में 5.5 करोड़ की कमाई की. धीमी शुरुआत के बावजूद फिल्म ने कई फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है. पूरी बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट पढ़ें.

By Sheetal Choubey | November 23, 2025 3:11 PM

Mastiii Box Office Records: विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख की कॉमेडी फ्रैंचाइजी की नई फिल्म ‘मस्ती 4’ आखिरकार थिएटर्स में पहुंच चुकी है. मिलाप जावेरी के निर्देशन में बनी इस फिल्म को लेकर दर्शकों के बीच काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. वहीं, जावेरी की पिछली रिलीज ‘एक दीवाने की दीवानियत’ ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर हिट दर्ज कराई थी.

‘मस्ती 4’ का सीधे मुकाबला बड़े पैमाने पर रिलीज हुई ‘120 बहादुर’ से हुआ, जो इसकी कमाई पर प्रभाव डालता दिखा. बावजूद इसके, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कई अन्य फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को पछाड़कर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. आइए पूरी बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट और रिकार्ड्स पर एक नजर डालते हैं.

मस्ती 4 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

Sacnilk report

Sacnilk की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म ने रिलीज के पहले दो दिनों में कुल 5.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. भले ही यह स्टार कास्ट को देखते हुए धीमी शुरुआत कही जा रही है, लेकिन फिल्म ने कुछ छोटे बजट की फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है.

इन फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को ‘मस्ती 4’ ने किया पार

  1. निशानची – 1.15 करोड़
  2. अजेय – 1.35 करोड़
  3. आंखों की गुस्ताखियां – 1.77 करोड़
  4. केसरी वीर – 1.89 करोड़
  5. कपकपी – 1.5 करोड़
  6. पिंटू की पप्पी – 1.24 करोड़
  7. वनवास – 4.95 करोड़
  8. फर्रे – 2.68 करोड़
  9. तन्वी द ग्रेट – 2.19 करोड़
  10. सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव – 5.32 करोड़
  11. अंदाज 2 – 0.53 करोड़

आफताब शिवदासानी ने रितेश और विवेक संग बॉन्डिंग पर क्या कहा?

एक हालिया इंटरव्यू में आफताब शिवदासानी ने रितेश और विवेक के साथ अपनी बॉन्डिंग पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने बताया कि सेट पर तीनों की केमिस्ट्री बेहतरीन रहती है, लेकिन फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद वही कनेक्शन बनाए रखना आसान नहीं होता.

आफताब ने कहा, “इंडस्ट्री का नेचर ऐसा है कि हर कोई अपने काम में बिजी रहता है. हमारा एक WhatsApp ग्रुप जरूर है, लेकिन टाइट शेड्यूल के कारण मिलना मुश्किल हो जाता है. किसी भी तरह की पर्सनल वजह नहीं है, बस वर्क कल्चर ऐसा है.”

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