कामकाजी महिलाओं को लेकर तालिबान के फरमान पर भड़के जावेद अख्तर, बोले- वो कहां है जो बचाव में चिल्ला रहे थे

काबुल के अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है और महिलाओं को वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते हैं. अब इसपर बॉलीवुड के गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने ट्वीट कर इस फैसले की निंदा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2021 11:49 AM

अफगानिस्तान में नई सरकार बनने के बाद महिलाओं के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. काबुल के अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है और महिलाओं को वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते हैं. अब इसपर बॉलीवुड के गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ट्वीट कर इस फैसले की निंदा की है.

उन्होंने ट्वीट किया, “अलजज़ीरा ने रिपोर्ट किया है कि काबुल के मेयर ने सभी कामकाजी महिलाओं को घर पर रहने का आदेश दिया है मुझे उम्मीद है कि सभी महत्वपूर्ण मुस्लिम निकाय इसकी निंदा करेंगे, क्योंकि यह उनके धर्म के नाम पर किया जा रहा है वे सभी कहां हैं जो कल तक 3 तलाक के बचाव में चिल्ला रहे थे.”

नमोनी ने कहा कि महिला कर्मियों को अगला फैसला होने तक घरों में रहने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गयी है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं. नमोनी ने यह नहीं बताया कि कितनी महिलाओं को घर पर ही रहने को कहा गया है.

बता दें कि यह फैसला अधिकतर महिला कर्मचारियों को काम पर लौटने से रोकेगा और यह इस बात का एक और संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णु और समावेशी सरकार का वादा किया था. 1990 के दशक में शासन के दौरान तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के स्कूल जाने तथा नौकरी करने पर रोक लगा दी थी.

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हाल के दिनों में नई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले कई फरमान जारी किए हैं. उसने मिडिल और हाई स्कूल की छात्राओं से कहा कि वे फिलहाल स्कूल नहीं आएं जबकि लड़कों के लिए इस हफ्ते के अंत से स्कूल खोल दिए गए हैं. विश्वविद्यालय की छात्राओं को सूचित किया गया है कि लड़के और लड़कियों की कक्षाएं की अलग अलग होंगी और उन्हें सख्त इस्लामी पोशाक संहिता का पालन करना होगा.

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