श्याम बेनेगल को मिली सेंसर बोर्ड में सुधार की कमान

नयी दिल्ली : सरकार ने सेंसर बोर्ड के सुधार पर गौर करने के लिए जानेमाने फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के नेतृत्व में आज एक समिति का गठन किया. हाल के दिनों में सेंसर बोर्ड का कामकाज विवादों में रहा है. समिति अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंपेगी.... इस समिति में फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2016 7:05 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने सेंसर बोर्ड के सुधार पर गौर करने के लिए जानेमाने फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के नेतृत्व में आज एक समिति का गठन किया. हाल के दिनों में सेंसर बोर्ड का कामकाज विवादों में रहा है. समिति अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंपेगी.

इस समिति में फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा, विज्ञापन निर्माता पीयूष पांडेय और फिल्म समीक्षक भावना सोमाया शामिल हैं. इसके अलावा समिति में प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय फिल्म विकास परिषद नीना लाथ गुप्ता और संयुक्त सचिव (फिल्म) संजय मूर्ति भी हिस्सा होंगे. यहां सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि समिति का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘दृष्टिकोण के अनुरुप’ किया गया है.

बयान में कहा गया है कि उम्मीद है कि इस समिति की सिफारिशों से एक समग्र ढांचा प्राप्त होगा जिससे फिल्म के प्रमाणन के कार्य में लगे लोग अपनी जिम्मेदारियों का इस ढांचे के अनुरुप निर्वहन कर सकेंगे.

बयान में कहा गया है, ‘‘उम्मीद है कि समिति अपनी चर्चा के दौरान विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपनायी जाने वाले सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर गौर करेगी, विशेष तौर पर वहां जहां फिल्म को रचानात्मकता एवं कलात्मक अभिव्यक्ति का पर्याप्त मौका दिया जाता है.’

समिति सिनेमाटोग्राफ कानून के प्रावधानों के तहत व्यापक दिशानिर्देश, प्रक्रियाओं के साथ ही स्क्रिनिंग कमेटी के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के लाभ के लिए नियमों की सिफारिश करेगी. बयान में कहा गया है कि सीबीएफसी के स्टाफ ढांचे पर भी गौर किया जाएगा ताकि एक तंत्र की सिफारिश की जा सके जो प्रभावी, पारदर्शी एवं उपयोगकर्ता अनुकूल सेवाएं मुहैया कराये.

आज की घोषणा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली द्वारा पीटीआई से यह कहने के कुछ दिन बाद की गई है कि सेंसर बोर्ड के कामकाज पर गौर करने का ‘‘समय आ गया है” क्योंकि वह चाहते हैं कि प्रमाणन बोर्ड ‘‘विवाद मुक्त” हो.

फिल्मनिर्माताओं की शिकायत रही है कि बोर्ड ने हाल के समय में मनमाने ढंग से आपत्तियां की हैं और सीन काटने के लिए कहा है. इसमें जेम्स बांड की नवीनतम फिल्म ‘स्पेक्ट्रा’ के वे सीन काटने को लेकर आलोचनाएं भी शामिल हैं जिन्हें फिल्म को भारत में प्रदर्शन से पहले हटाना पडा था.सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी की ओर से जारी प्रतिबंधित शब्दों की सूची भी विवादों का विषय बनी थी.

पूछे जाने पर बेनेगल ने पीटीआई से कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘‘मुझसे कुछ दिन पहले फोन पर बात की थी और अभी मुझे यह जानना बाकी है कि प्रस्ताव वास्तव में है क्या। मुझसे एक ही सवाल पूछा गया था कि क्या मैं समिति का एक सदस्य होना चाहूंगा, जो फिल्म प्रमाणन की समस्या पर गौर करेगी।” उन्होंने कहा, ‘‘यह समिति सरकार द्वारा गठित की गई है जिसका काम यह देखना है कि व्यवस्था किस तरह से प्रभावी, पारदर्शी और संतोषजनक हो।”

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यहां जारी अपने एक बयान में कहा कि अधिकतर देशों में फिल्मों एवं वृत्तचित्र के प्रमाणन की एक व्यवस्था है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसा करते समय कलात्मक रचनात्मकता एवं स्वतंत्रता को दबाया नहीं जाए या काटा नहीं जाए.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रमाणन के कार्य में लगे लोग इन बारीकियों को समझते हैं.” मंत्रालय ने कहा कि भारतीय फिल्मों का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और भारतीय फिल्मों ने देश के सांस्कृतिक परिवेश को समृद्ध करने के साथ ही फिल्म निर्माण के तकनीकी पहलुओं के मामले में आश्चर्यजनक प्रगति की है.