FILM REVIEW: किश्तों में हंसाती है ”बहन होगी तेरी”

IIउर्मिला कोरी II फिल्म: बहन होगी तेरीनिर्माता: अमूल मोहन, टोनी डिसूजानिर्देशक: अजय पन्नालालसंगीत: हनी सिंह, जयदेव कुमारकलाकार: राजकुमार राव, श्रुति हासन, गौतम गुलाटी, दर्शन जरीवाला, हैरी टेंगरी, गुलशन ग्रोवर,रंजीत और अन्य रेटिंग: ढाई पिछले कुछ समय से छोटे शहर की कहानियां हिंदी सिनेमा में प्रमुखता से कही जा रही है. ‘बहन होगी तेरी’ इसी की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 9, 2017 4:09 PM

IIउर्मिला कोरी II

फिल्म: बहन होगी तेरी
निर्माता: अमूल मोहन, टोनी डिसूजा
निर्देशक: अजय पन्नालाल
संगीत: हनी सिंह, जयदेव कुमार
कलाकार: राजकुमार राव, श्रुति हासन, गौतम गुलाटी, दर्शन जरीवाला, हैरी टेंगरी, गुलशन ग्रोवर,रंजीत और अन्य
रेटिंग: ढाई

पिछले कुछ समय से छोटे शहर की कहानियां हिंदी सिनेमा में प्रमुखता से कही जा रही है. ‘बहन होगी तेरी’ इसी की अगली पेशकश है. फिल्म में एक छोटे शहर के एक मोहल्ले की प्रेम कहानी को दिखाया गया है. जहाँ लड़का लड़की तो एक दूसरे से मन ही मन प्यार करते हैं लेकिन परिवार और समाज उन्हें भाई बहन बनाने पर तुला रहता है. हर छोटे शहर के हर मोहल्ले की इसी परेशानी को बहन होगी तेरी में कॉमेडी के अंदाज़ में कही गयी है. फिल्म का बैकड्रॉप लख़नऊ है. कहानी बिन्नी (श्रुति हसन) और गटटू (राजकुमार राव) की है जो एक दूसरे के पडोसी हैं.

गटटू बिन्नी से बहुत प्यार करता है लेकिन वह अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाता है. परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि बिन्नी की सगाई राहुल (गौतम गुलाटी) से हो जाती हैं. ट्विस्ट सिर्फ यही नहीं होता है बल्कि गटटू के दोस्त भूरा (हैरी) के अपराधी प्रवृति रिश्तेदारों को भी बिन्नी भा जाती है वह बिन्नी को अगवाकर अपने बेटे की शादी करवाने की खुलेआम धमकी दे डालते हैं। बिन्नी की सुरक्षा की जिम्मेदारी गटटू को मिल जाती है. बिन्नी की शादी किससे होगी भूरा या राहुल या फिर गटटू अपने प्यार का इज़हार कर पायेगा या वह उसके लिए बहन ही रह जाएगी. यह तो आपको फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.

फिल्म का कांसेप्ट फ्रेश हैं अब तक इस विषय को फिल्मों में नहीं दिखाया गया है लेकिन जिस तरह से कहानी को बयां किया गया है. वह फिल्म की कहानी को उतना मनोरंजक नहीं बना पाया है. जैसी इससे उम्मीद की गयी थी फिल्म के फर्स्ट हाफ अच्छा बन पड़ा है, हंसी भी आती है लेकिन सेकंड हाफ कमज़ोर हो गया है. फिल्म का क्लाइमेक्स और बेहतर हो सकता था. फिल्म की कहानी के सब प्लॉट्स कहानी को और कमज़ोर बना जाते हैं. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है. किश्तों में ही सही लेकिन हँसाने में कामयाब रही है.

नाटक में शिवजी की एंट्री, हैरी का एम एस धोनी में युवराज वाला अंदाज़, दर्शन जरीवाला का बुश के पोस्टर्स दिखाने वाला दृश्य हो या बॉलीवुड के राज और राहुल पर तंज करने वाला सीन. ये यादगार सीक्वेंस फिल्म खत्म हो जाने के बाद भी याद रह जाते हैं. फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशंस पर हुई है जो फिल्म में अलग ही रंग भरते हैं. फिल्म का गीत संगीत औसत है. कुलमिलाकर यह फिल्म किश्तों में मनोरंजन करती है.

अभिनय की बात करें तो राजकुमार राव का अभिनय इस फिल्म की यूएसपी है. किरदार में रच बस जाना उनकी खासियत है. यह इस फिल्म को देखते हुए भी महसूस होती है. गटटू के किरदार में उन्होंने हर इमोशन को बखूबी जिया है. किरदार में उन्होंने अपने अभिनय से जान डाल दी है यह कहना गलत न होगा. श्रुति हसन फिल्म में बहुत खूबसूरत लगी हैं लेकिन उनकी संवाद अदाएगी खटकती है. उस पर और काम करने की ज़रूरत महसूस होती है. एक लंबे अरसे के बाद रुपहले पर्दे पर नजर आयें रंजीत और गुलशन ग्रोवर को देखना रोचक है. दर्शन जरीवाला, हैरी ने भी अपनी भूमिका बखूबी अदा की है बाकी के किरदारों का काम ठीक ठाक रहा है.

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