प्रभात चौधरी ने कैसे तय किया दरभंगा से बॉलीवुड तक का सफर, ‘बाहुबली को कटप्पा ने क्यों मारा’ कैंपेन से हुए फेमस

बिहार के दरभंगा से आपने सपनों को साकार करने के लिए प्रभात चौधरी ने बड़ी उड़ान भरी थी. आज उन्हें लगभग सभी स्टार्स जानते हैं. अब प्रभात चौधरी एंटरटेनमेंट मार्केटिंग का एक जाना माना नाम है. आइये जानते हैं उनका सफर...

By Ashish Lata | August 2, 2023 6:11 PM

बिहार ने फिल्म जगत को अनगिनत प्रतिभाएं दी हैं. बॉलीवुड में मार्केटिंग का दौर है और आज प्रभात चौधरी एंटरटेनमेंट मार्केटिंग में सबसे बड़ा नाम है. बॉलीवुड में आज प्रभात की हस्ती किसी स्टार से कम नही है. एंटरटेनमेंट दुनियां की नंबर वन पीआर एजेंसी ‘स्पाइस’ और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी ‘एंट्रॉपी’ के फाउंडर प्रभात मूलतः ‘दरभंगा’ के हैं और आज मुम्बई के सबसे पॉश इलाकों में से एक पाली हिल पर रहते हैं.

इन फिल्मों की कर चुके हैं कैंपेनिंग

प्रभात चौधरी एंटरटेनमेंट मार्केटिंग का एक जाना माना नाम है. प्रभात बताते हैं कि वह ऋतिक रोशन, आमिर खान, दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, प्रभास, श्रद्धा कपूर, टाइगर श्रॉफ, दिशा पटानी, सारा अली खान, अल्लू अर्जुन, यश (केजीएफ), रश्मिका मंदना, सामंथा रूथ प्रभु, विजय देवरकोंडा, संजय लीला भंसाली, जैसे कई सितारें उनके क्लाइंट्स लिस्ट में शुमार हैं.

“बाहुबली को कटप्पा ने क्यूं मारा ?” इस प्रश्न ने मार्केटिंग का एक इतिहास लिखा और आपको भारतीय फिल्म जगत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण लोगों में शामिल कर दिया. यह आपने कैसे किया?

बाहुबली एक सोची समझी कैम्पेन थी. हमने चार साल तक उस फिल्म को प्रोमोट किया और कई सारी चीजें की और यही कारण था कि तेलगु में बनी एक फिल्म को देखनें के लिए पूरा भारत उमड़ पड़ा. फिल्म इतनी अच्छी थी की बॉक्स आफिस पर एक इतिहास लिखा गया. ” बाहुबली को कट्टपा ने क्यूं मारा”… यह एक जिज्ञासा जगाने वाला कैंपेन था और हमारा काम अमूमन दर्शकों में उत्सुकता जगाना होता है.

आपको बॉलीवुड और साउथ की इंडस्ट्री में भी एक चमत्कारी व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है. हर बड़ा स्टार या तो आपका क्लाइंट है या फिर बनना चाहता है. आप स्टार्स की मार्केटिंग कैसे हैंडल करते हैं. क्या जादू है जिससे आप लोगों का करियर बदल देते हैं.

मैं इतने बड़े लोगों के साथ काम करता हूं कि गुंजाइश बस सीखने की है. हां आज मार्केटिंग का महत्व बढ़ गया है. ग्लैमर जगत के मार्केटिंग और करियर प्लानिंग का गणित थोड़ा अलग होता है. ग्लैमर के पीछे बहुत सारी मेहनत और बहुत सारी प्लानिंग होती है. किसी को लॉन्च करना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है और जब लॉन्च सफल रहता है तो अच्छा लगता है.

आप मूलतः ‘दरभंगा’ के रहने वाले हैं, बिहार में बीते हुए दिन के बारे में बताए?

मैं दरभंगा के पंचोभ गांव से हूं. होली क्रॉस दरभंगा , ज्ञान निकेतन पटना और सेंट माइकल हाइ स्कूल पटना में पढ़ने के बाद मैं दिल्ली चला गया. बिहार से बहुत लगाव है और आशा करता हूं कि अपने गांव और अपने प्रदेश के लिए मैं उपयोगी सिद्ध हो पाऊं. हालांकि अभी तक तो कुछ खास नहीं कर पाया हूं, लेकिन भविष्य में अपने समाज के लिए कुछ खास करना चाहता हूं. मेरा मानना है कि मेहनत और लगन से किसी कार्य मे जुटेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी. आत्मविश्वास के संग कर्तव्यपथ पर चलते रहे.

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