Bhojpuri Actress Rani chatterjee :अभिनेत्री ने स्वीकारा कॉलेज लाइफ नहीं देखी, इसका बहुत दुख होता है

अभिनेत्री रानी चटर्जी ने इस इंटरव्यू में अपने नए हिंदी सीरियल, भोजपुरी इंडस्ट्री के अलावा अपनी जिंदगी से जुड़ी कई पहलुओं पर भी बात की है.

By Urmila Kori | December 25, 2025 11:06 PM

bhojpuri actress rani chatterjee : भोजपुरी फिल्मों की सितारा अभिनेत्री रानी चटर्जी इन दिनों सन नियो चैनल पर सीरियल ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी बींदणी’में खलनायिका की भूमिका में नजर आ रही हैं. वह इसे एक बेहद सशक्त किरदार बताते हुए कहती हैं कि अब तक टीवी पर ऐसा किरदार कभी सामने नहीं आया. पेश है उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

इस सीरियल को हां कहने की आपकी वजह क्या रही?

इस सीरियल में मैं ज्वाला रानी की भूमिका में हूं. यह किरदार बहुत अलग है. वैम्प होने के बावजूद इसकी अपनी बैकस्टोरी और इमोशन हैं. इसका लुक भी काफी अनोखा है. कई लुक टेस्ट के बाद एक सादगी भरा, अलग लुक फाइनल हुआ, जो लाउड नहीं है. किरदार की पर्सनालिटी बहुत स्ट्रॉन्ग है, वह हाथ में गन लेकर चलती है. मुझे नहीं लगता कि इंडियन टेलीविजन पर ऐसा किरदार पहले कभी आया है.

किरदार को लेकर आपके भी कुछ इनपुट्स होते हैं?

मेरा किरदार झारखंड से है, जबकि सीरियल का बैकड्रॉप राजस्थान का है. सभी कलाकार राजस्थानी टच वाली हिंदी बोलते हैं, पर मेरा किरदार झारखंडी स्टाइल में बात करता है. मैंने वहां कई फिल्मों की शूटिंग की है, इसलिए भाषा से परिचित हूं. इसी वजह से डायलॉग डिलीवरी में मैं कुछ लोकल शब्द और स्लैंग, जैसे बकलोल, टेटवा दबा देंगे का इस्तेमाल करती रहती हूं.

मोनालिसा की तरह क्या आपने कभी सोचा कि सिर्फ हिंदी सीरियलों पर ही फोकस करें?

कोई अपना घर कैसे छोड़ सकता है? मैं हिंदी और भोजपुरी, दोनों के बीच बैलेंस बनाकर चलना चाहती हूं. मोनालिसा ने हिंदी से शुरुआत की और फिर भोजपुरी की ओर आयीं, पर मेरी पहचान भोजपुरी से बनी है. मैं यहां अपने दम पर फिल्में चला रही हूं और अपनी मनचाही फीस भी पा रही हूं. मुझे हिंदी के ऑफर्स भी भोजपुरी की वजह से आते हैं. जिओ हॉटस्टार की दो वेब सीरीज मेरे पास आयी थी, लेकिन मैं भोजपुरी फिल्मों की वजह से नहीं. मुझे अफसोस नहीं है. भोजपुरी हमेशा मेरी प्राथमिकता रहेगी.

आपने बहुत छोटी उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था. पीछे मुड़कर देखती हैं, तो क्या कुछ मिस करती हैं?

‘ससुरा बड़ा पैसावाला’ जब मुझे मिली, उस वक्त मैं सिर्फ 14 साल की थी. भोजपुरी फिल्मों के बारे में हमें पता भी नहीं था. मेरी मां को लगा कि चलो कर लेते हैं. मैं उस समय दसवीं का एग्जाम दे रही थी. घरवालों को लगा कि एग्जाम के बाद छुट्टियों में यह कर लेते हैं, फिर वापस आकर अपनी पढ़ाई आगे करूंगी, लेकिन फिल्म भोजपुरी सिनेमा की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हो गयी, जिसकी वजह से मैं ना तो आगे की पढ़ाई कर पायी और ना ही जिंदगी में कुछ और एक्सप्लोर कर पायी. मेरा बचपन इंडस्ट्री में ही बीत गया. जब भी मैं कॉलेज वाली फिल्में देखती हूं, तो लगता है, क्यों नहीं मैंने यह जिंदगी जी? कॉलेज लाइफ नहीं होने की वजह से मेरा दोस्तों का कोई सर्किल भी नहीं है. कई बार उसे भी मिस करती हूं.

सबसे बुरा वक्त क्या रहा. इतनी छोटी उम्र में एक्टिंग आपका सपोर्ट सिस्टम कौन था?

साल 2004 में मेरी पहली फिल्म आयी थी. उसके बाद दो-तीन फिल्में आयीं. फिर साइन होने के बाद भी बड़े एक्टर्स अपनी फिल्मों से मुझे निकालने लगे. दो बार तो साइनिंग अमाउंट भी मिल गया था. फिर उसे ले लिया गया. मैं बहुत रोती थी. सोचती थी बड़े स्टार्स के साथ फिल्म नहीं करुंगी, तो क्या ही होगा. फिर मेरी मां ने मुझे समझाया कि बड़े स्टार नहीं, बल्कि फिल्मों में अपने किरदार के देखो. उसके बाद मैं वुमन सेंट्रिक फिल्मों से जुड़ने लगी. साल 2007 के बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जिन सुपरस्टार्स ने मुझे फिल्मों से निकाला, वही मुझे कास्ट करने लगे. मेरी बहुत बड़ी फीमेल ऑडियंस है, जिसकी वजह से आज मेरी भोजपुरी फिल्मों को टीवी पर भी बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है. वहीं, मेरी मां मेरी सपोर्ट सिस्टम हैं. वह मेरा बहुत ख्याल रखती थीं.

भोजपुरी फिल्में थिएटर में रिलीज होनी बंद हो गयी हैं?

भोजपुरी के तीन सुपरस्टार्स राजनीति में हैं. उन्हें कुछ करना चाहिए. महाराष्ट्र के मल्टीप्लेक्स में मराठी सिनेमा दिखाना अनिवार्य है, पर बिहार और यूपी में ऐसा नहीं है. वैसे मौजूदा हालात ने भोजपुरी के उन सुपरस्टार्स को उनकी औकात दिखा दी है, जो खुद को भोजपुरी का पावर बताते थे. अभी दो फिल्में कर चुकी हूं, लेकिन उनकी फिल्मों का कोई अता-पता नहीं है.