No Fathers In Kashmir Trailer: आलिया के पापा महेश भट्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी पर उठाये सवाल

मुंबई : निर्देशक महेश भट्ट का कहना है कि भारतीय संविधान ने भले ही लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार दिया हो लेकिन मौजूदा समय में फिल्म निर्माता और लेखकों को खुद ही अपने पर सेंसरशिप लगानी पड़ रही है. भट्ट ‘नो फादर्स इन कश्मीर’ (no fathers in kashmir) के ट्रेलर लॉन्च (trailer launch) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 19, 2019 10:21 PM

मुंबई : निर्देशक महेश भट्ट का कहना है कि भारतीय संविधान ने भले ही लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार दिया हो लेकिन मौजूदा समय में फिल्म निर्माता और लेखकों को खुद ही अपने पर सेंसरशिप लगानी पड़ रही है.

भट्ट ‘नो फादर्स इन कश्मीर’ (no fathers in kashmir) के ट्रेलर लॉन्च (trailer launch) के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर तकलीफ होती है कि इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की तरफ से मंजूरी मिलने में समस्या हुई.

फिल्म निर्माता ने कहा, पहले से ही सेंसरशिप लगाने का दौर है ये. एक फिल्म निर्माता और लेखक कागज पर कलम चलाने से पहले ही दस बार सोचता है कि उसे क्या लिखना चाहिए?

सीबीएफसी उसे मंजूरी देगा या नहीं… इस देश का जन्म अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति प्रेम के चलते हुआ था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है.

उन्होंने कहा कि वह इस फिल्म के निर्देशक अश्विन कुमार के साथ खड़े हैं क्योंकि वह कुमार के नजरिये में विश्वास करते हैं. इस फिल्म में महेश भट्ट की पत्नी सोनी राजदान भी अभिनेत्री हैं.

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