बरेली ने अखाड़े के पहलवान मुलायम सिंह यादव को दी ‘नेताजी’ की पहचान, जानें पूरा वाकया

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का बरेली से गहरा नाता रहा है. यहीं से उन्हें 'नेताजी' की पहचान मिली. सोमवार को सपाइयों ने केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया.

By Prabhat Khabar | November 22, 2021 7:53 PM

Bareilly News: देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री की तीन बार कुर्सी संभालने वाले मुलायम सिंह यादव को ‘नेताजी’ की पहचान बरेली से मिली थी.यहां 1967 में एक बुजुर्ग ने कर्यक्रम में नेताजी के नाम से संबोधन किया था. इसके बाद मुलायम सिंह यादव की पहचान ही नेताजी हो गई. सोमवार को उनका 83 वां जन्मदिन था, जो सपाइयों ने धूमधाम से मनाया.

अपने दांव से अखाड़े में बड़े-बड़े पहलवानों को चित करने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सियासी दंगल में भी बड़ों-बड़ों को मात दी है. सोशलिस्ट पार्टी से सियासी सफर शुरू करने वाले मुलायम सिंह यादव 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बने थे. मंत्री रहने के दौरान एक कार्यक्रम में बरेली की आंवला तहसील आएं. यहां एक बुजुर्ग ने उनको नेताजी के नाम से संबोधन किया था. इसके बाद उनकी ‘नेताजी’ पहचान बन गई.

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बरेली से नेताजी को काफी लगाव था. इसीलिए वह अक्सर बरेली आकर कई-कई दिन ठहरते थे. उन्होंने चार अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी का गठन किया. बरेली में थाना फतेहगंज पश्चिमी का घेराव भी किया. बरेली के लोगों ने भी नेताजी को मायूस नहीं किया. सपा के गठन के बाद पहले ही चुनाव में मुलायम सिंह यादव की बरेली में नौ में से सात सीटों पर जीत हुई.

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बरेली में अधिकतर सपाई लोकदल के साथ से ही जुड़े हुए हैं. सियासत के शुरुआती दिनों में मुलायम सिंह यादव ने बरेली मंडल की सहसवान और मीरानपुर कटरा से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जनता ने जीत दिलाई. वह एक जून 1996 को रक्षा मंत्री भी बने, लेकिन बरेली से लगाव कम नहीं हुआ. सोमवार को नेता जी का 83 वां जन्मदिन था. बरेली के सपाइयों ने केक काटकर जश्न मनाया.

पूर्व मंत्री अताउर्रहमान ने नेताजी को विकास पुरुष बताया. इस दौरान पूर्व विधायक विजयपाल सिंह, सुल्तान बेग, डॉ. आईएस तोमर, डॉ. अनीस बेग, शमीम सुल्तानी, शमीम अहमद, सत्येंद्र यादव, अनीस इंजीनियर, ब्रहमस्वरूप सागर, कलीमुद्दीन, मयंक मोंटी समेत तमाम सपाई मौजूद थे.

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(रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली)

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