profilePicture

Success Story: बिहार के इस ‘सुपर कॉप’ को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली IPS की कहानी

IPS Amit Lodha Success Story: जानें बिहार कैडर के मशहूर IPS अमित लोढ़ा के बारे में जिनके नाम से डरते हैं खूंखार अपराधी, एक समय था जब इन्हें आता था आत्महत्या का ख्याल, आज पूरी दुनिया जानती है इनके बहादुरी के किस्से.

By Pushpanjali | March 27, 2025 4:50 PM
an image

Success Story IPS Amit Lodha: कुछ कहानियां सिर्फ प्रेरणा नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका सिखाती हैं. बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. आईआईटी दिल्ली में असफलता के कगार पर खड़े इस युवक ने अपने जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा—यूपीएससी को न केवल पास किया, बल्कि अपने साहस, संघर्ष और ईमानदारी से एक ऐसी मिसाल कायम की, जिसे हर युवा को जानना चाहिए.

आईआईटी से आईपीएस तक: आत्मसंघर्ष की राह

IPS Amit Lodha 1
Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 8

22 फरवरी 1974 को जयपुर, राजस्थान में जन्मे अमित लोढ़ा एक औसत छात्र नहीं थे, बल्कि टॉपर्स की लिस्ट में आते थे. जब उन्होंने आईआईटी-जेईई परीक्षा पास की, तो उनके परिवार और दोस्तों को लगा कि उनकी सफलता की कहानी यहीं से शुरू होगी. लेकिन आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं रहीं. गणित में कमजोर प्रदर्शन, साथियों की उपेक्षा और आत्मसम्मान पर गहरी चोट ने उन्हें डिप्रेशन और आत्महत्या के विचारों की ओर धकेल दिया. लेकिन यही वह मोड़ था जहां अमित ने खुद को हारने नहीं दिया. उन्होंने अपनी असफलता को अपनी ताकत बनाया.

UPSC: जहां गिरा, वहीं से उठ खड़ा हुआ

Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 9

आईआईटी में गणित में ‘E ग्रेड’ पाने वाले अमित ने उसी विषय को यूपीएससी में मुख्य विषय के रूप में चुना. जिस गणित ने उन्हें तोड़ा था, उसी गणित में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए. यह न केवल उनके लिए, बल्कि हर उस छात्र के लिए एक संदेश था जो कभी किसी विषय या असफलता से डर जाता है—”आपकी सबसे बड़ी कमजोरी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है.” अमित ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी बने.

‘शेखपुरा के गब्बर’ को पकड़ने वाला नायक

Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 10

आईपीएस बनने के बाद अमित लोढ़ा ने कई खतरनाक अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए, लेकिन बिहार के सबसे कुख्यात अपराधी ‘शेखपुरा के गब्बर’ चंदन महतो को पकड़ना उनके करियर का सबसे बड़ा ऑपरेशन था. इस मिशन ने उन्हें जनता के बीच ‘सुपरकॉप’ बना दिया. उन्होंने अपने पुलिस करियर के अनुभवों को ‘बिहार डायरीज’ नामक किताब में संकलित किया, जो अपराध और न्याय की एक रोमांचक दास्तान है.

‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ – जब जीवन बना पर्दे की कहानी

Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 11

अमित लोढ़ा की कहानी इतनी प्रेरणादायक थी कि नेटफ्लिक्स ने उन पर आधारित ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ वेब सीरीज बनाई. इसमें उनकी भूमिका को अभिनेता करण टैक्कर ने निभाया, और यह सीरीज रिलीज होते ही हिट हो गई. यह दिखाता है कि एक ईमानदार पुलिस अधिकारी का संघर्ष और उसकी मेहनत कैसे एक प्रेरणादायक कथा बन सकती है.

परिवार और कर्तव्य के बीच संतुलन

Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 12

अपने पेशेवर जीवन में जितने कठोर, अमित लोढ़ा अपने निजी जीवन में उतने ही भावुक हैं. उनकी पत्नी तनु लोढ़ा हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं. अमित ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह किसी खतरनाक मिशन पर जाते हैं, तो उनकी पत्नी खुद उन्हें गन थमाती हैं. यह दिखाता है कि एक पुलिस अधिकारी के जीवन में परिवार का क्या महत्व होता है.

अमित लोढ़ा: नाम नहीं, एक मिसाल

Success story: बिहार के इस 'सुपर कॉप' को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली ips की कहानी 13

आज अमित लोढ़ा सिर्फ बिहार पुलिस का हिस्सा नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा हैं जो यह सिखाती है कि असफलता कभी भी आपकी आखिरी मंजिल नहीं होती. उनका जीवन बताता है कि हार मानने वाले नहीं, बल्कि हार से सीखने वाले ही असली विजेता होते हैं.

ऐसी और प्रेरणादायी कहानियों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Also Read: Success Story: बिहार के लाल का परमाणु ऊर्जा विभाग में हुआ चयन, सैलरी जानकर दंग रह जाएंगे आप

Also Read: Success Story: पति के गुजरने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, 63 की उम्र में हर महीने कमा रहीं हैं 20 से 30 लाख रुपये

Next Article

Exit mobile version