JPSC प्रथम उपसमाहर्ता सीमित परीक्षा: Deputy Collector बने सहायक शिक्षक कांचन मुखर्जी को मिला 17वां स्थान

कांचन मुखर्जी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और धर्म पत्नी को दिया है. इनके डिप्टी कलेक्टर बनने से विद्यालय के शिक्षकों में खुशी का माहौल है. आपको बता दें कि जेपीएससी प्रथम उपसमाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन वर्ष 2005 में निकला था.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2023 5:30 PM

बुंडू (रांची), आनंद राम महतो. जेपीएससी प्रथम उपसमाहर्ता (डिप्टी कलेक्टर) सीमित परीक्षा में रांची जिले के बुंडू प्रखंड स्थित राजकीय मध्य विद्यालय (दामी) के सहायक शिक्षक कांचन मुखर्जी ने सफलता हासिल की है. इस प्रतियोगिता परीक्षा में इन्हें 17वां स्थान प्राप्त हुआ है. इस प्रतियोगिता परीक्षा में इनका सामान्य कोटि से चयन हुआ है. 1999 में बीपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर ये सहायक शिक्षक बने थे. इनकी पदस्थापना 2010 में राजकीय मध्य विद्यालय, दामी में सहायक शिक्षक पद पर हुई थी. बीपीएससी द्वारा वर्ष 2000 में 1 वर्षीय सेवाकालीन परीक्षा में शिक्षक प्रशिक्षण सेवा में पलामू प्रमंडल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था.

शिक्षकों में खुशी का माहौल

कांचन मुखर्जी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और धर्म पत्नी को दिया है. इनके डिप्टी कलेक्टर बनने से विद्यालय के शिक्षकों में खुशी का माहौल है. आपको बता दें कि जेपीएससी प्रथम उपसमाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन वर्ष 2005 में निकला था. हाईकोर्ट के आदेश पर यह परीक्षा स्थगित हो गयी थी. इसके बाद फिर हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2020 में परीक्षा हुई थी. इस तरह 17 साल बाद रिजल्ट निकला.

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अनारक्षित में 25 अभ्यर्थियों का चयन

झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने 17 साल बाद 50 पदों के लिए प्रथम उपसमाहर्ता (डिप्टी कलक्टर) सीमित परीक्षा का रिजल्ट पिछले दिनों जारी किया. कुल 50 पदों में से अनारक्षित में 25 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इनमें एक अभ्यर्थी दीपक कुमार मिश्रा को पीएच कोटा में शामिल किया गया है, जबकि एसटी कैटेगरी में 13, एससी कैटेगरी में 05, बीसी वन में 04 व बीसी टू में 03 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. जारी रिजल्ट के मुताबिक, अनारक्षित मेंराजेश कुमार, एसटी में रवींद्रन उरांव, एससी में कमलेश कुमार दास, बीसी वन में मो हुसैन व बीसी टू में लक्ष्मण यादव टॉपर रहे हैं.

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2005 से चल रही थी नियुक्ति परीक्षा की प्रक्रिया

जेपीएससी में ये नियुक्ति परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2005 से चल रही थी. इसमें मुख्य रूप से सचिवालय सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मी व अधिकारी शामिल हुए. इनमें से कई रिजल्ट की आस में सेवानिवृत्त भी हो गये. जेपीएससी नेअप्रैल 2005 में नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा था. आवेदन मिलने के बाद 23 अप्रैल 2006 को राजधानी के 14 केंद्रों पर परीक्षा ली गयी थी. परीक्षा में लगभग आठ हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक व कदाचार का मामला पूर्व आइपीएस अधिकारी ओपी खरे व रतन तिर्की ने उठाया था. इसके बाद मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया था.

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