World Highest Mountains In Nepal : नेपाल में हैं दुनिया के आठ सबसे ऊंचे पर्वत

दुनिया के 8,000 मीटर से ऊंचे 14 पर्वतों में से आठ सबसे ऊंचे पर्वत, जिनमें माउंट एवरेस्ट भी शामिल है, नेपाल में हैं. आइये जानते हैं सबसे ऊंचे पर्वतों में शुमार नेपाल में स्थित इन पर्वतों के बारे में...

By Preeti Singh Parihar | September 18, 2025 2:49 PM

World Highest Mountains In Nepal : नेपाल बीते कुछ दिनों से जेनरेशन-जेड के अक्रामक आक्रोश की आग में झुलसने के कारण सुर्खियों में बना हुआ है. लेकिन, हालिया घटनाक्रम से परे जब हम नेपाल को जानना शुरू करते हैं, तो पाते हैं कि दुनिया भर के पर्वतारोहियों के लिए यह देश एक महत्वपूर्ण गंतव्य है. यह देश हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों, विशेष रूप से माउंट एवरेस्ट का घर है. दुनिया के 8,000 मीटर से ऊंचे 14 पर्वतों में से आठ पर्वत, जिनमें माउंट एवरेस्ट सबसे लोकप्रिय है, नेपाल में स्थित हैं. ये पर्वत पूरी तरह से नेपाल में या चीन और भारत के साथ सीमा पर स्थित हैं.

माउंट एवरेस्ट

माउंट एवरेस्ट, जिसे नेपाल में ‘सागरमाथा’ कहा जाता है, विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है. यह पर्वत हिमालय का हिस्सा है और नेपाल (सागरमाथा क्षेत्र) एवं तिब्बत (चीन) सीमा पर स्थित है. नेपाल सरकार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए हर साल 400 से अधिक परमिट जारी करती है. माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 8,848 मीटर (29,029 फीट) है. हालांकि इसकी ऊंचाई समय के साथ थोड़ी बदल सकती है, क्योंकि यह ग्लेशियरों और बर्फ के कारण प्रभावित होती है. नेपाल में माउंट एवरेस्ट का दक्षिण बेस कैंप, खुम्बू ग्लेशियर में 5,364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कुछ पर्वतारोही एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तिब्बत (चीन) में स्थित उत्तरी बेस कैंप का भी इस्तेमाल करते हैं.

कंचनजंगा

कंचनजंगा (8598 मीटर) , जिसे कभी दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता था, भारत की सीमा से लगे नेपाल के पूर्वी भाग में स्थित है. भारत में पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग एवं सिक्किम के गंगटोक से इस पर्वत का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है. कंचनजंगा और उसकी उप-शिखर चोटियां मिलकर एक विशाल पर्वत श्रृंखला बनाती हैं, जिसमें पांच सबसे ऊंची चोटियां (कंचनजंगा मुख्य, पश्चिम, मध्य, दक्षिण और कंचनबचेन) शामिल हैं. कंचनजंगा नेपाल का दूसरा और दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है. कंचनजंगा, नेपाल सरकार की परमिट नीति के अनुसार एक सीमित ट्रैकिंग क्षेत्र होने के बावजूद, पूर्वी नेपाल में भारतीय राज्य सिक्किम की सीमा से लगे सबसे दुर्गम ट्रैकिंग क्षेत्रों में से एक है.

ल्होत्से

नेपाल का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत ल्होत्से, एवरेस्ट पर्वतमाला का हिस्सा है और दक्षिणी दर्रे के माध्यम से एवरेस्ट पर्वतमाला से जुड़ा हुआ है और समुद्र तल से 8,516 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है.ल्होत्से, कैंप 3 तक एवरेस्ट के समान ही चढ़ाई मार्ग का उपयोग किया जाता है. ल्होत्से के मुख्य शिखर के अलावा, इस पर्वत में दो चोटियां हैं, ल्होत्से मध्य और ल्होत्से शार. ल्होत्से पर्वतारोही, एवरेस्ट पर्वतारोहियों के समान ही आधार शिविर का उपयोग करते हैं और कैंप 3 तक चढ़ाई मार्ग भी एक ही है.

मकालू

मकालू नेपाल का चौथा और दुनिया का पांचवां सबसे ऊंचा पर्वत है, जिसकी ऊंचाई 8,485 मीटर/27,838 फीट है. अपनी खड़ी ढलानों और चाकू जैसी धारदार चोटियों के कारण इसे आठ हजार मीटर ऊंचे सबसे कठिन पर्वतों में से एक माना जाता है.यह एक अलग चोटी है, जो माउंट एवरेस्ट से सिर्फ 14 मील पूर्व में स्थित है.इसकी संरचना, चार तीखी चोटियों वाले एक आदर्श पिरामिड की तरह है. फ्रांस के जीन कूजी ने 15 मई, 1955 को पश्चिमी दिशा से माउंट मकालू पर पहली बार चढ़ाई की थी और आंग चेपाल शेरपा 1 मई, 1978 को माउंट मकालू पर चढ़ने वाले पहले नेपाली पर्वतारोही थे.

चो ओयू

माउंट चो ओयू, दुनिया का छठा और नेपाल का पांचवां सबसे ऊंचा पर्वत है. चो ओयू के ठीक पश्चिम में नांगपा ला है, जो 19,000 फुट ऊंचा एक हिमनद दर्रा है. चो ओयू की चढ़ाई दुनिया की सभी 8000 मीटर ऊंची चोटियों में से अपेक्षाकृत सबसे सुरक्षित और आसान है. यह नेपाल के पूर्वी भाग में खुम्बू क्षेत्र में और तिब्बत (चीन) की सीमा पर स्थित है. तिब्बत से उत्तर-पश्चिमी पर्वत श्रृंखला चो ओयू के लिए सबसे लोकप्रिय चढ़ाई मार्ग है. चो ओयू दोनों ओर नेपाल और तिब्बत (चीन) में बेस कैंप साझा करता है.

धौलागिरी

समुद्र तल से 8167 मीटर/26,795 फीट की ऊंचाई पर स्थित धौलागिरी नेपाल का छठा और दुनिया का सातवां सबसे ऊंचा पर्वत है.य ह काठमांडू से लगभग 50 मील दूर पश्चिम-मध्य नेपाल में स्थित एक विशाल हिमालय पर्वत है. यूरोपीय और नेपाली पर्वतारोहियों की एक संयुक्त टीम ने पहली बार 13 मई, 1960 को नॉर्थईस्ट रिज के रास्ते से इसकी चढ़ाई की थी.

मनास्लु

मनास्लु गोरखा पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है और दुनिया के आठ सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक है. यह दसवें सबसे ऊंचे पर्वत अन्नपूर्णा से लगभग 40 मील पूर्व में स्थित है. समुद्र तल से 8,163 मीटर की उंचाई पर स्थित माउंट मनास्लु पर पहली चढ़ाई 9 मई, 1956 को एक जापानी और नेपाली शेरपा पर्वतारोही ने की थी. हाल के वर्षों में एवरेस्ट की प्रारंभिक चोटी के रूप में मनास्लु ने अधिक लोकप्रियता हासिल की है.

अन्नपूर्णा

समुद्र तल से 8,091 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अन्नपूर्णा हिमालय की एक विशाल पर्वतमाला है और दुनिया का दसवां सबसे ऊंचा पर्वत है. उत्तर-मध्य नेपाल में स्थित, अन्नपूर्णा 55 किलोमीटर से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें कई ऊंची चोटियां हैं, जिनमें से कुछ 7,000 मीटर से भी ऊंची हैं. यह क्षेत्र पोखरा घाटी और दुनिया की सबसे गहरी काली गंडकी घाटी के बीच स्थित है.

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