Police कैसे तोड़ सकती है ताला! आपकी इजाजत जरूरी या नहीं, क्या कहता है कानून?

General Knowledge: सोचिए, एक दिन आप घर पर नहीं हैं… और आपको खबर मिलती है कि पुलिस आपके घर का ताला तोड़कर अंदर दाखिल हो गई. घबराना लाजमी है. मन में तुरंत सवाल उठता है — क्या पुलिस को ऐसा करने का हक है? क्या यह कानूनी है? इसका जवाब उतना आसान नहीं जितना लगता है.

By Pushpanjali | July 19, 2025 1:48 PM

General Knowledge: भारत में पुलिस व्यवस्था की नींव आजादी से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में रखी गई थी. 1861 में ब्रिटिश सरकार ने पुलिस एक्ट लागू किया, जो आज भी भारत में पुलिस प्रशासन की मूल संरचना का आधार है. समय के साथ पुलिस की भूमिका बदली है, लेकिन आम जनता के मन में आज भी कई सवाल उठते हैं — क्या पुलिस बिना आपकी इजाजत के आपके घर का ताला तोड़ सकती है?

इसका सीधा उत्तर है — नहीं, पुलिस ऐसा नहीं कर सकती जब तक कि कानूनी प्रक्रिया का पालन न किया गया हो.

तलाशी के लिए जरूरी होता है वारंट

भारतीय कानून के अनुसार, यदि पुलिस को किसी घर की तलाशी लेनी है, तो उसके पास न्यायालय द्वारा जारी किया गया वैध तलाशी वारंट होना चाहिए. इस वारंट में साफ तौर पर लिखा होना चाहिए कि किस उद्देश्य से तलाशी ली जा रही है. पुलिस को घर में प्रवेश करने से पहले वह वारंट दिखाना भी जरूरी है.

यदि पुलिस बिना वारंट के जबरन किसी के घर में घुसती है या ताला तोड़ती है, तो यह कानूनी उल्लंघन माना जाएगा. ऐसी स्थिति में नागरिक शिकायत दर्ज करा सकते हैं और न्यायिक कार्रवाई भी कर सकते हैं.

कब नहीं चाहिए वारंट?

कुछ विशेष परिस्थितियां होती हैं जब पुलिस बिना वारंट के भी तलाशी ले सकती है:

  • अगर पुलिस को ठोस जानकारी हो कि घर में कोई गंभीर अपराधी छिपा है.
  • अगर ऐसा कोई संदिग्ध सबूत मौजूद है जिसे तुरंत बरामद करना जरूरी हो.
  • अगर किसी अपराध को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत हो.

इन स्थितियों में भी पुलिस को उचित प्रक्रिया का पालन करना होता है और बाद में कार्रवाई का औचित्य सिद्ध करना होता है.

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