UGC Two Degree program: यूजीसी अध्यक्ष का ऐलान, अब एक साथ दो फुल-टाइम डिग्री कोर्स कर सकेंगे छात्र

UGC Two Degree program: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि छात्रों को फिजिकल मोड में और ऑनलाइन तरीके से भी एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2022 10:36 AM

UGC Two Degree program: यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है. यूजीसी छात्रों को फिजिकल मोड में एक साथ दो पूर्णकालिक डिग्री प्रोग्राम करने की अनुमति देगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने एक बैठक में कहा कि आयोग द्वारा बीते दिन की गई बैठक में एक साथ दो कोर्स करने के प्रावधान पर चर्चा की थी. जिसके बाद अब यूजीसी ने छात्रों को एक ही समय में 2 शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है

यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी ने फिजिकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों को उनकी अनोखी क्षमता की पहचान करने में मदद करने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सभी क्षेत्रों में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा प्रदान करेगा.

यूजीसी के दिशा-निर्देश

एक छात्र फिजिकल मोड में 2 पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकता है, यह देखते हुए कि एक कार्यक्रम की कक्षा का समय दूसरे कार्यक्रम के साथ ओवरलैप न हो. इसके साथ ही फिजिकल मोड में न केवल 2 कोर्स, छात्र फुल-टाइम फिजिकल मोड में 1 कोर्स ऑनलाइन या ओपन, डिस्टेंस लर्निंग मोड में कर सकते हैं. इसके अलावा छात्र एक ऑनलाइन कार्यक्रम को दूसरे ऑनलाइन कार्यक्रम के साथ भी आगे बढ़ा सकते हैं. यूजीसी की वेबसाइट पर कल एक घोषणा के बाद दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे.

यूनिवर्सिटी के लिए इन गाइडलाइन्स को अपनाना जरूरी नहीं

कुमार ने यह भी बताया कि किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए इन गाइडलाइन्स को अपनाना जरूरी नहीं होगा, लेकिन आयोग को उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा संस्थान छात्रों को दो डिग्री कोर्स में एक साथ पढ़ाई की अनुमति देंगे. उन्होंने कहा कि पहले गाइडलाइन्स संस्थानों को भेजे जाएंगे, जिसके बाद वे अपनी सुविधा के अनुसार इन्हें अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे. छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं के लिए प्रक्रिया व एलिजिबिलिटी संस्थानों द्वारा तय किए जाएंगे. कुमार ने आगे बताया, ‘‘अगर किसी विश्वविद्यालय में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में बैठना अनिवार्य हुआ तो छात्रों को ऐसा करना होगा. अगर वे अन्य किसी संस्थान में भी एडमिशन चाहते हैं तो उन्हें उस संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया का पालन करना होगा.’

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