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कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बुधवार को विश्वविद्यालयों से कहा कि नए छात्रों के लिए सितंबर से तथा पहले से पंजीकृत छात्रों के लिए अगस्त से शैक्षिक सत्र शुरू किया जा सकता है.

By Shaurya Punj | April 29, 2020 10:28 PM

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बुधवार को विश्वविद्यालयों से कहा कि नए छात्रों के लिए सितंबर से तथा पहले से पंजीकृत छात्रों के लिए अगस्त से शैक्षिक सत्र शुरू किया जा सकता है. फिलहाल देश भर में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन होने के कारण कॉलेजों में कक्षाएं एवं परीक्षाएं स्थगित हैं. लंबित परीक्षाओं के बारे में, आयोग ने यह भी कहा है कि विश्वविद्यालय प्रक्रिया को कम समय में पूरा करने के लिए वैकल्पिक और सरलीकृत तरीके और परीक्षा के तरीके अपना सकते हैं.

आयोग ने परीक्षाओं और शैक्षिक कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश में कहा है कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा जुलाई में आयोजित की जा सकती है. यूजीसी ने कहा है, ‘‘बीच के सत्र के छात्रों को पूर्व और मौजूदा सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन (internal assessment) के आधार पर ग्रेड दिए जाएंगे. जिन राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति सामान्य हो चुकी है वहां जुलाई के महीने में परीक्षाएं होंगी. ”

आयोग ने कहा है, ‘‘एमफिल, पीएचडी छात्रों को छह महीने का और समय मिलेगा और साक्षात्कार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगा.” आयोग ने स्पष्ट किया है कि दिशा-निर्देश एक परामर्श की तरह है और विश्वविद्यालय कोविड-19 महामारी से जुड़े मुद्दों पर विचार करते हुए अपनी योजनाएं तैयार कर सकते हैं.

फिलहाल कोरोना वायरस के कारण सरकार द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा जा रहा है इसलिए UGC ने भी कहा है कि विश्वविद्यालय अपने अध्यादेशों / नियमों और विनियमों, परीक्षाओं की योजना के अनुसार, ऑफ़लाइन / ऑनलाइन मोड में टर्मिनल / इंटरमीडिएट सेमेस्टर / ईयर परीक्षाओं का आयोजन कर सकते हैं. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने को कहा गया है.

कोविड -19 महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के मद्देनजर, यूजीसी ने अकादमिक नुकसान से बचने और छात्रों के भविष्य के लिए उचित उपाय करने के लिए परीक्षाओं और अकादमिक कैलेंडर से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और सिफारिश करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया.

विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता प्रो आर सी कुहाड़, पूर्व सदस्य, यूजीसी और कुलपति, हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़, हरियाणा के साथ-साथ अन्य सदस्यों ने की.

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