India Russia Oil Trade: भारत अगर रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो क्या होगा?

India Russia Oil Trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर पिछले सप्ताह भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया. जिससे भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ हो गया है. इसके बाद रूस से तेल आयात घटाने पर चर्चा शुरू हो गई है.

By ArbindKumar Mishra | August 14, 2025 9:54 PM

India Russia Oil Trade: भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. अप्रैल-जून तिमाही में आईओसी के कच्चे तेल के कुल प्रसंस्करण में रूस की हिस्सेदारी 22-23 प्रतिशत रही. रूस के यूराल ग्रेड कच्चा तेल पर पहले 40 डॉलर प्रति बैरल तक की छूट मिल रही थी, जो पिछले महीने घटकर 1.5 डॉलर रह जाने से आयात कम हो गया. अब यह छूट करीब 2.70 डॉलर प्रति बैरल है. अब सवाल है कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो क्या असर पड़ने वाला है. इस पर पिछले दिनों आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा था कि अगर भारत को अपनी तेल खरीद रूस के बजाय कहीं और से करने के लिए मजबूर किया गया तो भी उसका घरेलू मुद्रास्फीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार पर नजर

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा था कि अगर तेल आयात का स्रोत बदलता है, तो कीमत, उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें क्या हैं और दूसरे हालात कैसे हैं. इसपर निर्भर करेगा.”

ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को बताया था डेड

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखने पर पिछले हफ्ते नाखुशी जाहिर करते हुए भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ बताया था. ट्रंप ने कहा था, ‘‘मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि भारत रूस के साथ क्या करता है. वे अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को साथ लेकर डूब सकते हैं.’’

रूस ने सबसे अधिक तेल आयात करने वाला देश भारत

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल का आयातक है. अपनी कुल तेल जरूरतों की 85 फीसदी पूर्ति आयात से करता है. साल 2017-18 में भारत की तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी केवल 1.3 फीसदी थी. लेकिन 2025 में यह बढ़कर 35 फीसदी पहुंच गया. जबकि दूसरे देशों की बात करें तो चीन भारत से भी अधिक तेल रूस से आयात करता है. वहीं तुर्की रूस से 6 फीसदी तेल आयात करता है.

यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी तेल के आयात बढ़े

यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बाद भारत रूस से अधिक मात्रा में तेल का आयात किया है. जहां 2017-18 में केवल 1.3 फीसदी था, 2025 में बढ़कर 35 फीसदी हो गया. रूस से भारत को कम कीमत में तेल मिलता है, जिससे 2022-23 में भारत ने 5.1 अरब डॉलर की बचत की. वहीं 2023-24 में 8.2 अरब डॉलर की बचत भारत ने की है.

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