अब बड़े खर्च भी होंगे आसान, QR पेमेंट्स को EMI में बदलने जा रहा है NPCI
UPI QR Code Payments: NPCI जल्द ही UPI QR पेमेंट्स को EMI में बदलने की सुविधा लाने वाला है. इससे बड़े खर्च भी आसान हो जाएंगे और उपयोगकर्ता अपने UPI लेन-देन को क्रेडिट विकल्प के रूप में सेकंडों में EMI में बदल सकेंगे.
UPI QR Code Payments: ग्रोसरी बिल से लेकर मॉल में पसंदीदा टी-शर्ट की खरीदारी तक, आज अधिकांश लोग दैनिक लेन-देन के लिए QR आधारित UPI भुगतान का उपयोग करते हैं. लेकिन बड़े खर्चों के लिए, जिन्हें EMI में बदलना हो, QR-कोड पेमेंट अभी तक सीमित हैं. इस कमी को दूर करने के लिए, राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) एक नई सुविधा पर काम कर रहा है. NPCI की नई पहल के तहत, UPI लेन-देन को सीधे इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट्स (EMIs) में बदला जा सकेगा. यह न केवल UPI भुगतान का दायरा बढ़ाएगा, बल्कि क्रेडिट लेंडिंग को भी आसान बनाएगा.
NPCI का QR-पेमेंट्स EMI फीचर
Economic Times के अनुसार, NPCI ने इस सुविधा को लागू करने के लिए फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी की है. इस नए फीचर के तहत, उपयोगकर्ता अपने UPI लेन-देन को एक सेकंड में EMI में बदल पाएंगे, बिल्कुल वैसे ही जैसे POS टर्मिनल पर कार्ड स्वाइप को EMI में बदला जाता है. इसके अलावा, RuPay क्रेडिट कार्ड के UPI में आम होने और क्रेडिट लाइन की उपलब्धता के बाद, NPCI इस फीचर को लागू करने पर विचार कर रहा है. कुछ बैंकों ने पहले ही फिनटेक कंपनियों जैसे Navi और Paytm के साथ मिलकर UPI उपयोगकर्ताओं को क्रेडिट लाइन प्रदान करने की पहल शुरू कर दी है.
फिनटेक और क्रेडिट आधारित UPI लेन-देन
Navi जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए इस सुविधा को लॉन्च करने की योजना बना रही हैं. उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि क्रेडिट पेमेंट्स से NPCI और फिनटेक कंपनियों के लिए राजस्व उत्पन्न करने की संभावना है. सुरक्षित लेन-देन और सरकार के नियमों के तहत बचत खाता आधारित भुगतान पर व्यापारी शुल्क नहीं लगता, लेकिन क्रेडिट आधारित लेन-देन पर 1.5% इंटरचेंज फीस लगने की संभावना NPCI ने बताई है.
UPI का बढ़ता प्रभाव और भविष्य
वर्तमान में, UPI हर महीने लगभग 20 बिलियन ट्रांज़ैक्शन और 2.5-3 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. डिजिटल इंडिया के अभियान के चलते UPI भुगतान देशभर में तेजी से बढ़ा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का फिनटेक और UPI भुगतान बाजार 2024 में 2.5 ट्रिलियन डॉलर का था और 2032 तक यह बढ़कर 12.52 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने की संभावना है. UPI ने डिजिटल लेन-देन को तेज, सुरक्षित और कम लागत वाला बना दिया है. क्रेडिट आधारित UPI लेन-देन से यह प्रणाली और अधिक विविध और सुविधाजनक बनेगी, जिससे डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकेगा.
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